यूपी के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाला मामले में आज एक और आरोपी की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक जल निगम के प्रोजेक्टर मैनेजर सुनील वर्मा ने खुदकुशी कर ली है। वर्मा का नाम इस घोटाला मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज पहली एफआईआर में था। इस घोटाला के सिलसिले में सुनील वर्मा के घर छापे पड़े थे और सीबीआई ने हाल में उनसे पूछताछ भी की थी।
वर्मा ने विकास नगर स्थित अपने घर में खुद को गोली मार ली। पुलिस का कहना है कि गंभीर रूप से जख्मी वर्मा ने अस्पताल जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
वर्मा यूपी सरकार के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिविजन में प्रोजेक्टर मैनेजर थे। यह विभाग यूपी जल निगम का एक हिस्सा है और वर्मा एनआरएचएम योजना के तहत कंस्ट्रक्शन से जुड़े सभी कार्यों की निगरानी रखते थे।
लखनऊ रेंज के डीआईजी डी के ठाकुर ने कहा, ‘सुनील वर्मा ने आज सुबह को खुद को गोली मार ली। यह घटना सुनील वर्मा के निवास पर करीब साढ़े आठ बजे हुई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीबीआई ने चार जनवरी को उनसे पूछताछ की थी, जिसके बाद से वह तनाव में थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।’
सुनील वर्मा की मौत के साथ ही इस घोटाले से जुड़े अब तक कुछ चार आरोपियों की मौत हो गई है। सबसे पहले अक्टूबर 2010 में सीएमओ डॉ. विनोद आर्य का कत्ल हुआ फिर अप्रैल 2011 में सीएमओ बी पी सिंह की हत्या हुई। जून 2011 में डिप्टी सीएमओ वाई एस सचान ने खुदकुशी की। इसके अलावा एनआरएचएम घोटाले से जुड़े एक ठेकेदार नमित टंडन ने खुदकुशी की कोशिश की थी।
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