लोकपाल बिल में लोकायुक्त संबंधी प्रावधान पर तृणमूल कांग्रेस का कड़ा रुख जारी है। पार्टी की ओर से बताया गया कि वह मजबूत भ्रष्टाचार रोधी बिल चाहते हैं। लेकिन संविधान में मिले संघीय ढांचे के साथ समझौता नहीं होगी। कांग्रेस उसे नजरअंदाज कर आग से खेलने का काम कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद मुकुल रॉय ने कहा, ‘पार्टी की ओर से दिए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को स्वीकार करना ही होगा।’ उन्होंने यह बात केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया के रूप में कही। चिदंबरम ने कहा था कि लोकायुक्त से जुड़े सभी प्रावधानों को हटाना आसान नहीं है। एक-दो संशोधनों को मानकर तृणमूल को राजी कर लिया जाएगा।
रॉय ने कहा, ‘भारत विभिन्न राज्यों का संघ है। केंद्र, समवर्ती और राज्यों की सूचियों में उनके बीच के अंतर को स्पष्ट किया गया है। पार्टी के सांसदों ने लोकायुक्त संबंधी प्रावधान पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्यसभा में पेश करने से पहले बिल में संशोधन किए जाएंगे। यह पूरा नहीं हुआ। इसका विरोध करने वाली ममता बनर्जी अकेली नहीं हैं।
देश के अन्य मुख्यमंत्री भी उनकी आवाज में आवाज मिला रहे हैं।’ मुकुल रॉय ने कहा, ‘जिस तरीके से राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई, वह लोकतंत्र के ठीक नहीं है।’ सरकार को वोटिंग का सामना करना चाहिए था। लोकपाल एक अलग मुद्दा नहीं है। केंद्र के हाथ में सत्ता सौंपना उचित नहीं होगा। राज्यों के अधिकारों को भी कायम रखने की जरूरत है।’ तृणमूल कांग्रेस 28 जनवरी को मणिपुर में और तीन अप्रैल को गोवा में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाग लेगी। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री विल्फ्रेड डिसूजा हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
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