हजारों करोड़ के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में आज पहली गिरफ्तारी हुई है। घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई ने यूपी जल निगम के महाप्रबंधक पीके जैन को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने लखनऊ में जैन के घर से तीन किलो सोना और 1.10 करोड़ की नकदी बरामद की थी। जैन उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा के खास सिपहसालार माने जाते थे और कुशवाहा के साथ एफआईआर में उनका भी नाम है।
घोटाले के आरोपी कुशवाहा, प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक (स्वास्थ्य) एसपी राम और पूर्व महानिदेशक (परिवार) कल्याण आरआर भारती पर भी सीबीआई की गाज गिर सकती है। बुधवार को बाबू सिंह कुशवाहा के घर और ऑफिस समेत अलग-अलग ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे। एजेंसी ने सोमवार को इस घोटाले के सिलसिले में पांच नए मामले दर्ज किए थे। सीबीआई ने उप्र, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश में कुल 60 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। मंगलवार को भाजपा में शामिल हुए कुशवाहा के खिलाफ आधिकारिक तौर पर केस दर्ज किया जा चुका है। कुशवाहा पर आपराधिक कदाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप हैं।
जांच एजेंसी ने लखनऊ में कुशवाहा के घर के साथ ही गाजियाबाद, आगरा, मेरठ, मुरादाबाद जैसे जिलों में भी इस घोटाले की जद में आए आरोपियों के ठिकानों पर छानबीन की। कुशवाहा छापे के समय घर पर नहीं थे। सीबीआई ने उनके परिवार के लोगों से पूछताछ की और कुछ कागजात भी जब्त किए। यूपी जल बोर्ड, पैक्सफेड, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय समेत पब्लिक सेक्टर इकाइयां भी एजेंसी की छानबीन के दायरे में हैं। सीबीआई ने बुधवार को एसपी राम और आरआर भारती से भी पूछताछ की थी।
यूपी में वर्ष 2005-06 से लेकर अब तक लगभग दस हजार करोड़ रुपए एनआरएचएम फंड के तौर पर आवंटित किए जा चुके हैं। ये फंड प्रदेश के 72 जिलों के सीएमओ के जरिए खर्च किए गए जिसमें परिवार कल्याण, चिकित्सा स्वास्थ्य और प्रशिक्षण जैसे विभागों की भी अहम भूमिका थी। एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई के हाथ काफी अहम सबूत लगे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल 15 नवंबर को सीबीआई को इस सिलसिले में जांच करने का आदेश दिया था।
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