अमरीकी संसद में नकलरोधी विधेयक टला. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 21 जनवरी 2012

अमरीकी संसद में नकलरोधी विधेयक टला.


अमरीकी संसद ने ऑनलाइन पाइरेसी यानी नकल रोकने के लिए प्रस्तावित दो विधेयकों को फ़िलहाल टाल दिया है. अमरीकी उच्च सदन सीनेट में बहुमत के नेता हैरी रीड ने प्रोटेक्ट आईपी एक्ट (पीपा) पर गुरुवार को होने वाला मतदान टाल दिया है. संसद की क़ानून मामलों की समिति के अध्यक्ष लामर स्मिथ ने कहा है कि समिति तब तक स्टॉप ऑनलाइन पाइरेसी एक्ट (सोपा) पर विचार नहीं करेगी जब तक इस पर सहमति नहीं बन जाती. 

दोनों क़ानूनों का इंटरनेट कंपनियों ने व्यापक विरोध किया था. ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया विकीपीडिया ने इसके विरोध में अपनी अंग्रेज़ी साइट को 24 घंटों के लिए बंद कर दिया था जबकि गूगल ने ऑनलाइन ज्ञापन का अभियान छेड़ दिया था. सांसदों को भेजे गए ईमेल, फ़ोन कॉल्स और हज़ारों वेबसाइटों के संयुक्त विरोध के बाद संसद में इन विधेयकों को राजनीतिक समर्थन घटने लगा था.

गूगल के ज़रिए क़रीब 70 लाख लोगों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें कहा गया था कि इन क़ानूनों से वेब पर सेंसर शुरु हो जाएगा और व्यवसाय पर बोझ बढ़ेगा. पीपा विधेयक के क़रीब 40 प्रस्तावक थे लेकिन विरोध के बाद बहुत से सांसदों ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. इन दोनों विधेयकों में ऑनलाइन पर नकल रोकने का प्रावधान है, ख़ासकर फ़िल्म और दूसरे मीडिया की अनिधिकृत कॉपी का प्रयोग रोकने का.

अमरीकी मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन ने इन विधेयकों का समर्थन किया है क्योंकि वे चाहते हैं कि कॉपी राइट्स की रक्षा की जानी चाहिए. इन अमरीकी विधेयकों में प्रावधान है कि वेबसाइटों पर उन सामग्रियों का प्रकाशन रोक दिया जाए जिसके लिए वेबसाइट के पास कॉपी राइट नहीं है. इसके ज़रिए उन लोगों को अदालत जाकर नकल करने वाली वेबसाइटों को बंद करने का अनुरोध करने का अधिकार मिल जाता, जिनके पास कॉपी राइट है.

विज्ञापनदाताओं, भुगतान करने वाली कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को कॉपी राइट का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के साथ देश से बाहर भी लेन-देन से रोक जा सकेगा. इन क़ानूनों के ज़रिए सर्च इंजन चलाने वाली कंपनियों को उन कंपनियों को रोकने को भी कहा जा सकेगा, जो कॉपी राइट का उल्लंघन कर रहे हैं. 

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