सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को सुप्रीम कोर्ट जाने की सजा मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले सरकार वीके सिंह के उत्तराधिकारी के नाम का एलान कर सकती है.
सरकार सेनाध्यक्ष को छुट्टी पर जाने के लिए भी कह सकती है. इस बीच, सेनाध्यक्ष के उम्र विवाद को लेकर मंगलवार शाम प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री एके एंटनी से बातचीत की है. सरकार ने मलेशिया के दौरे पर गए रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को अपनी यात्रा में कटौती करके तुरंत वापस लौटने को कहा है.
सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि पर मचे बवाल पर अब सरकार भी हरकत में आ गई है. सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में केवियेट (आपत्ति सूचना) की अर्जी दायर की है. इसका मतलब है कि अब कोर्ट को कोई भी फैसला सुनाने से पहले सरकार का पक्ष सुनना जरूरी होगा. रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में केवियेट याचिका दायर कर आग्रह किया कि सिंह की याचिका पर कोई आदेश देने से पहले उसके पक्ष को भी सुना जाए. मंत्रालय ने वकील टी ए खान के जरिए यह केवियेट याचिका दायर की.
जनरल सिंह ने सोमवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने आयु विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सरकार के फैसले को चुनौती दी और कहा कि यह उनके सम्मान और ईमानदारी से जुड़ा मामला है. खबर है कि इस मामले पर प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री ए के एंटनी से मुलाकात की है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि एंटनी अटॉर्नी जनरल से सलाह लेंगे. साथ ही इस विवाद को देखते हुए रक्षा सचिव को मलेशिया के दौरे से वापस बुलाया गया है.
सेनाध्यक्ष वीके सिंह की जन्म तारीख पर वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी का कहना है कि भारत के हर नागरिक को अदालत में जाने का अधिकार है. अब अदालत क्या फैसला करती है इसका इंतजार करना होगा. देश के इतिहास में पहली बार सेना प्रमुख सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं. सरकार सेनाध्यक्ष वी के सिंह की जन्मतिथि 10 मई 1950 मान रही है, लेकिन सिंह अपनी जन्मतिथि 10 मई 1951 बता रहे हैं. सेना प्रमुख को 31 मई 2012 को रिटायर होना है.
सेनाध्यक्ष ने रक्षा मंत्रालय में मौजूद सभी विकल्पों को आजमाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की. रक्षा मंत्रालय ने उनकी उस दलील को खारिज कर दिया था कि उनका जन्म 1950 में नहीं, बल्कि 1951 में हुआ था. सेनाध्यक्ष ने याचिका दायर कर आग्रह किया है कि उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 मानी जाए.
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