कलकत्ता के ऐतिहासिक इंदिरा भवन का नाम बदलने को लेकर सत्ताधारी गठबंधन का नेतृत्व कर रही तृणमूल कांग्रेस और सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी आमने सामने आ गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंदिरा भवन का नाम बदलकर मशहूर बांगला कवि क़ाज़ी नज़रुल इस्लाम के नाम पर करने का ऐलान किया है.
कांग्रेस और लेफ्ट इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस की सांसद मौसम नूर ने ममता बनर्जी के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. दिलचस्प बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस केंद्र की कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में एक अहम सहयोगी दल है. मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने रविवार को इंदिरा भवन का नाम बदलने का ऐलान किया. टीएमसी के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय का कहना है कि ममता बैनर्जी इस भवन का नाम नहीं बदल रही हैं. उन्होंने कहा,"कोलकाता के इंदिरा भवन का नाम नहीं बदला जाएगा. मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि लोग क्यों इसके बारे में तरह-तरह की बात कर रहे हैं."
सुदीप बंदोपाध्याय ने दावा किया कि ममता ने कभी भी इस भवन के नाम बदले से संबंधित बयान नहीं दिया और नाम बदलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शान में गुस्ताखी होगी. यह भवन कांग्रेस के लिए बहुत ही अहम है, क्योंकि 1972 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन में इंदिरा गांधी इसी भवन में रही थीं, वहीं दूसरी और पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बासू ने आखिरी सांस लेने तक इसी भवन में करीब 20 साल गुजारे थे.
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