विख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि सामाजिक विकास से जुड़े संकेतकों पर पड़ोसी देश चीन के आगे भारत कहीं नहीं ठहरता है। भारतीय आर्थिक संघ सम्मेलन में सेन ने कहा कि यहां सामाजिक मोर्चे पर बहुत बड़ी खाई है। वहीं चीन सामाजिक संकेतकों पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे देशों में से एक है।
भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके फायदों के समाज के निचले तबकों तक पहुंचने के बारे में सेन ने कहा कि चीन से खराब प्रदर्शन कर रहे देशों के मुकाबले भी भारत काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि वास्तविक आय के क्षेत्र में भारत दूसरे देशों को पछाड़ रहा है, लेकिन सामाजिक विकास और गुणवत्ता पूर्ण जीवन के मोर्चे पर देश दूसरे मुल्कों से पीछे है।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इन मामलों में भारत दक्षिण एशियाई देशों से भी पीछे है। उन्होंने कहा कि छह दक्षिण एशियाई देशों (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान) में भारत के औसत स्थान में गिरावट आई है। भारत दूसरा सबसे अच्छा देश से दूसरा सबसे खराब देश बन गया है, जबकि भारत में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के मुकाबले सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीएनपी) अथवा सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में तीव्र वृद्धि हुई है।
कल्याणकारी अर्थशास्त्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले सेन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और जीवन स्तर में सुधार अनेक कारकों पर निर्भर करता है।
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