विश्व में एक तिहाई तलाक के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक जिम्मेदार है। यह दावा एक विधिक परामर्शदाता कम्पनी ने किया है। समाचार पत्र 'डेली मेल' ने 'डाइवोर्स ऑनलाइन' के हवाले से बताया कि तलाक के मामलों में फेसबुक का प्रयोग बतौर सबूत किया जा रहा है। कम्पनी ने कहा कि पिछले दो वर्षो के दौरान फेसबुक शब्द वाले तलाक याचिकाओं में 50 फीसदी इजाफा हुआ है। तलाक की 5000 याचिकाओं में कम से कम 33 फीसदी में फेसबुक के नाम का उल्लेख किया था।
'डाइवोर्स ऑनलाइन' के प्रबंध निदेशक मार्क कीनन ने कहा, "लोग अपने पूर्व मित्रों के साथ सरलता से संवाद स्थापित करते हैं लेकिन अंत समस्याप्रद होता है। यदि कोई अपने विपरीत लिंग के साथ ठिठोली करना या सम्बंध बनाना चाहता है तो यह आरामदायक स्थान है।" कीनन ने कहा कि उन्होंने अपने मुवक्किलों को तलाक की कार्यवाही के दौरान फेसबुक से दूर रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "फेसबुक पर जो भी सूचनाएं लोग रखते हैं उसके प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंेकि अदालतों में लोगों के वॉल एवं पोस्ट सबूत के तौर पर पेश किए जा रहे हैं।"
1 टिप्पणी:
मुजे ये बात सही भी लगती है और गलत भी लगती हैं. सही इस लीये क्योँकि आजकल फैसबुक से लोग सादीयाँ तक कर रहे है और गलत इस लिए क्योँकि सायद ये फैसबुक को बदनाम करने कि साझीश हो सकती है॥
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