प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने भारत को व्यापार के लिहाज से सबसे पसंदीदा देश 'एमएफएन' का दर्जा देने के पाकिस्तान के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह देश के लिये अमेरिका से ज्यादा बड़ा खतरा है।
आतंकवादी संगठन लश्कर- ए- तैयबा के संस्थापक सईद ने दफा-ए- पाकिस्तान परिषद द्वारा यहां आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका से ज्यादा बड़ा खतरा भारत से है। उसने आरोप लगाया कि क्षेत्र में भारत का प्रभुत्व कायम करवाने के लिये पाकिस्तान सरकार अमेरिका के साथ मिलकर साजिश रच रही है। भारत को एमएफएन देश का दर्जा देना इसी साजिश का हिस्सा है।
सईद ने कहा कि हमें इस साजिश का विरोध करना होगा। हम प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी से मांग करते हैं कि वह अमेरिका की आतंकवाद विरोधी लड़ाई से पाकिस्तान को अलग करें और इसके लिये एक निश्चित तारीख भी बताएं। हम अमेरिका की लड़ाइयां नहीं लड़ना चाहते । हमें पाकिस्तान की लड़ाई लड़नी चाहिए।
सईद ने कहा कि पाकिस्तान में इन दिनों सरकार, सेना और न्यायपालिका के बीच जारी टकराव लगभग 10 साल पहले किए गए गुनाह का नतीजा है। पाकिस्तान के रहनुमाओं ने देश की सरजमीं के अफगानिस्तान और मुसलमानों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए रजामंदी देकर यह गुनाह किया था। उसने कहा कि जब तक हम उस गुनाह का प्रायश्चित नहीं कर लेते तब तक इन मसलों का समाधान नहीं निकाल सकेंगे। सईद ने कहा कि अफगानिस्तान में तैनात नाटो सैनिकों के लिये पाकिस्तान के रास्ते रसद ले जाने वाले ट्रकों के आवागमन पर रोक लगाना ही पर्याप्त नहीं है। सरकार को अपनी रक्षा एवं विदेश नीति की एक बार फिर समीक्षा करनी चाहिए। गौरतलब है कि दफा- ए- पाकिस्तान परिषद 40 कट्टरपंथी और राजनीतिक समूहों का गठबंधन है। परिषद ने कई बैठकों और रैलियों का आयोजन करके भारत और अमेरिका पर निशाना साधा है।
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