मध्य प्रदेश में 'सूर्य नमस्कार' अब राजनीतिक लड़ाई का हथियार बनता दिख रहा है। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार गुरुवार को एक नया रिकॉर्ड दर्ज करवाने के लिए तैयार है। गुरुवार को प्रदेश के ज़्यादातर स्कूलों में बच्चे एक साथ सूर्य नमस्कार करेंगे। इसमें प्रदेश के 50 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो छात्रों की यह कोशिश गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगी।
राज्य में सभी लोग इस तैयारी से खुश नहीं हैं। शिवराज सिंह चौहान सरकार की इस योजना से राज्य के मुस्लिम समुदाय के नेता खफा है। राज्य के मुस्लिम नेताओं ने सूर्य नमस्कार की तुलना मूर्तिपूजा (बुतपरस्ती) से करते हुए इसे गैर इस्लामिक करार दिया है। मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने इसके खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साफ कर चुके हैं कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में हर बच्चे को शामिल होना अनिवार्य नहीं है बल्कि यह उनकी मर्जी पर निर्भर है। चौहान ने कहा कि मुस्लिम समाज को इसका विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने मंगलवार को भोपाल में कहा था कि सूर्य नमस्कार कार्यक्रम को विवादित नहीं बनाना चाहिए। राज्य के अधिकारियों का कहना है कि विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। सूर्य नमस्कार एक तरह का योग है, जिसमें 12 चरण होते हैं।
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