अब वातानुकूलित डिब्बे में दूसरे के नाम पर रिजर्व रेल टिकट लेकर सफर करना यात्रियों को बहुत महंगा पड़ेगा। किसी भी एसी क्लास में आईडी प्रूफ नहीं दिखाने पर यात्रियों को अब बिना टिकट माना जाएगा। रेलवे का यह नया नियम अगली 15 फरवरी से पूरे देश में लागू हो जाएगा। हस्तांतरित रिजर्व टिकटों की बढ़ती दलाली रोकने के मकसद से रेलवे बोर्ड ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
रेलवे ने अब तक सिर्फ तत्काल और इंटरनेट टिकटों की यात्रा में ही आईडी प्रूफ का प्रावधान बना रखा था। रेल यात्रियों और सांसदों से चौतरफा शिकायतें मिलने के बाद रेल मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे बोर्ड ने यह फैसला किया है। इस निर्णय की जानकारी रेलवे बोर्ड में वाणिज्य यातायात विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संजय मनोचा ने दिल्ली स्थित उतर रेलवे समेत सभी 17 जोनों के मुख्य वाणिज्य महाप्रबंधक को भेजी है। मनोचा ने 16 जनवरी को जारी अपने सकुर्लर में स्पष्ट कर दिया है कि 15 फरवरी से मान्य आईडी प्रूफ की मूल प्रति नहीं दिखाने पर यात्रियों को बिना टिकट समझा जाएगा।
एसी थ्री, एसी टू, फस्र्ट क्लास एसी, एसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव क्लास के सफर में एक पहचान पत्र की मूल प्रति साथ रखना आवश्यक हो गया है। आईडी प्रूफ न दिखाने पर यात्री से अब अलग से पूरा किराया वसूला जाएगा। रेलवे के नियमानुसार नौ तरह के सरकारी पहचान पत्रों को वैध माना जाएगा। इनमें वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य व केन्द्र सरकारों के पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थी पहचानपत्र, राष्ट्रीयकृत बैंकों के फोटोयुक्त पासबुक, फोटोयुक्त बैंक के क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड शामिल हैं।
रेलवे बोर्ड ने 15 फरवरी से इसकी जांच के लिये सभी मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों (सीसीएम) को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जोन में टिकट चेकिंग स्टाफ को इस फैसले की जानकारी दे दें। रेलवे बोर्ड ने यात्री आरक्षण प्रणाली में इस नियम से संबंधित आवश्यक संशोधन के लिये सेंटर फॉर रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम यानि 'क्रिस' को एसी टिकटों के आरक्षण के समय ही आईडी का उल्लेख करने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का निर्देश दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें