उत्तर प्रदेश में बाबू सिंह कुशवाहा को लेकर योगी आदित्यनाथ के बगावती तेवर के बाद अब उमा भारती और मेनका गांधी ने भी एनआरएचएम घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को लेकर बगावती तेवर दिखा दिये हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उमा ने पार्टी आलाकमान से साफ कह दिया है कि अगर कुशवाहा जैसे दागी नेता पार्टी में रहते हैं तो वह उत्तर प्रदेश में न तो भाजपा का प्रचार करेंगी और न ही चुनाव लड़ेंगी.
उमा के साथ ही मेनका गांधी ने भी कहा है कि कुशवाहा जैसे दागियों को पार्टी में शामिल करना सही नहीं है. दूसरी पार्टियों के निकाले गए नेताओं को लेना भाजपा को शोभा नहीं देता है. पार्टी के ही नेता यशवंत सिन्हा ने खुलेआम कुशवाहा को पार्टी में लिए जाने का समर्थन कर भाजपा की मुश्किलें और बढ़ा दी है.यशवंत सिन्हा ने कुशवाहा को मायावती के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाला नेता बताया है.
उमा की धमकी के बाद कुशवाहा का बचाव कर रही भाजपा अब फिर से इस मुद्दे पर चिंतन के लिए तैयार हो चुकी है. कुशवाहा पर पार्टी रुख तय करने के लिए आज शाम को पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर पर बैठक होने जा रही है. गौरतलब है कि पार्टी के अलावा इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुशवाहा के मुद्दे पर भाजपा से विरोध जता चुके हैं. कांग्रेस को भी एक गरमागरम मुद्दा हाथ लग गया है. लोकपाल मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रपति से गुहार लगाने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मुन सिंघवी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में शामिल करने को लेकर मुख्य विपक्षी दल पर कटाक्ष किया.
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