सुरेश कलमाडी को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। कलमाडी को जमानत मिलने पर कांग्रेस ने कहा कि प्रत्यके आरोपी को जमानत पाने का अधिकार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि कलमाडी को जमानत मिलना इस बात का प्रमाण नहीं है कि वह निर्दोष हैं। जबकि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने कहा है कि खेल संगठन में दोबारा अध्यक्ष के रूप में शामिल होने को लेकर फैसला कलमाडी को करना है।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया, "कलमाडी को शाम 7.20 बजे जेल से रिहा किया गया।" न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने कलमाडी और उनके सहयोगी वी.के. वर्मा को जमानत दी। न्यायाधीश ने पांच लाख रुपये का एक निजी बंधपत्र और इतनी ही राशि के दो मुचलके भरने पर दोनों को रिहा करने का आदेश दिया। जमानत देते समय न्यायालय ने कलमाडी और वर्मा से कहा कि वे अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे। सुनवाई में हो रहे विलम्ब को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने कहा कि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि कलमाडी गवाहों को धमकाएंगे अथवा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करेंगे। जैसा कि गवाहों ने बिना भय के अपना बयान दिया है।
न्यायाधीश ने कहा, "यह भी आरोप नहीं है कि कलमाडी और वर्मा कानून से भाग सकते हैं।" कलमाडी को पिछले साल 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन पर स्विस टाइम्स ओमेगा कम्पनी को टाइमिंग-स्कोरिंग-रिजल्ट सिस्टम के लिए 141 करोड़ रुपये की ऊंची कीमत पर ठेका देने का आरोप है, जिससे सरकारी खजाने को 95 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दोनों आरोपियों को जमानत दिए जाने का विरोध किया था। कलमाडी को जमानत मिलने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जमानत प्रत्येक आरोपी का अधिकार है। जबकि भाजपा के बलबीर पुंज ने कहा कि जमानत मिलने से यह साबित नहीं होता है कि कलमाडी निर्दोष हैं।
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