1993 के दूरसंचार घोटाले में दोषी ठहराए गए सुखराम के वकील ने दिल्ली की अदालत को बताया है कि उनके मुवक्किल कोमा में हैं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम को सुनवाई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
अदालत ने मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है। उनके वकील ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि सुखराम कोमा में चले गए हैं और वह अस्पताल से नहीं आ सकते। उनके वकील ने कहा कि सुखराम को कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी) एंजियोग्राफी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। विशेष न्यायाधीश शर्मा ने सुनवाई शनिवार तक के लिए टाल दी क्योंकि संबंधित विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव जैन शुक्रवार को छुट्टी पर थे।
न्यायाधीश ने कहा कि क्योंकि आवेदक दोषी कोमा में चला गया है और न्यायाधीश प्रभारी शनिवार को अपनी ड्यूटी पर आएंगे, इसलिए मामले को उनके समक्ष विचार के लिए शनिवार सुबह 10 बजे तक के लिए टाला जाता है।
दो अन्य दोषियों, पूर्व नौकरशाह रूनू घोष और हैदराबाद के व्यवसायी पी रामा राव ने गुरुवार को निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया था। उन्हें क्रमश: दो और तीन साल के लिए जेल भेज दिया गया। उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए निर्देश दिया था कि वे कैद की सजा काटने के लिए पांच जनवरी को निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दें।
1993 के धोखाधड़ी मामले में दोषी पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुखराम को भारी झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को उन्हें निचली अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था ताकि उनकी तीन साल जेल की सजा की तामील हो सके। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में दखल देने से इंकार कर दिया था, जिसने सुखराम को दोषी ठहराते हुए जेल की सजा सुनाई थी।
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