प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के सम्भावित नतीजों पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ बैठक की।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा द्वारा 2007 और 2008 में आवंटित 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे। इस बैठक में, सर्वोच्च न्यायालय के उस तर्क के मद्देनजर 2जी लाइसेंस आवंटन के लिए नए दिशानिर्देशों पर चर्चा होने की सम्भाना है, जिसमें न्यायालय ने पहले आओ पहले पाओ की नीति को दोषपूर्ण करार दे दिया है।
बैठक इसलिए भी महत्व रखती है, क्योंकि नार्वे और रूस अपनी सरकारी स्वामित्व वाली कम्पनियों, क्रमश: टेलीनॉर और सिस्टेमा द्वारा किए गए निवेशों की सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। नार्वे ने इस मुद्दे पर भारत के साथ पहले ही कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए हैं। रूसी संचार मंत्री इगोर शचियोगोलेव भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में सिस्टमा द्वारा किए गए निवेश की सुरक्षा पर सिब्बल के साथ बातचीत करने जल्द ही भारत आने वाले हैं। सिस्टमा ने संयुक्त उपक्रम, सिस्टमा श्याम टेलीसर्विसिस (एसएसटीएल) में निवेश किया है।
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