क्रिकेटर युवराज सिंह के फीजियो जतिन चौधरी विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन अनिल बंसल ने युवराज के कैंसर का खुलासा करने वाले जतिन चौधरी को ‘झोलाछाप’ डॉक्टर करार दिया है। उन्होंने बताया कि जतिन ने कोलकाता से डिग्री ली है जिसे भारत सरकार से मान्यता नहीं मिली है। हालांकि जतिन ने दावा किया है कि उनकी डिग्री फर्जी नहीं है और वह अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
एक टीवी चैनल से बातचीत में बंसल ने कहा कि यदि जतिन अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बंसल ने कहा, ‘हमनें जतिन चौधरी से सर्टिफिकेट मांगे गए तो उसने नहीं दिया। दिल्ली सरकार से जतिन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है क्योंकि यह लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है और उन्हें बेवकूफ बना रहा है।’
बंसल के मुताबिक दिल्ली की फिजियोथेरापी कॉउंसिल में रजिस्टर्ड नहीं हैं। जब हमने इन्हें बुलाया तो आए नहीं बल्कि वकील के जरिये जवाब भेजा और दावा किया कि वो सचिन तेंडुलकर, सानिया मिर्जा और पुलिस कमिश्नर का इलाज करते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका में कैंसर का इलाज कर रहे युवराज सिंह की बीमारी की खबर हाल में जब आई, उस वक्त जतिन चौधरी काफी चर्चित हुए थे।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर जतिन ने कहा, ‘मैंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से वैकल्पिक चिकित्सा की डिग्री ली है जिसे मान्यता प्राप्त है। मैं अपने नाम के साथ डॉक्टर लगा सकता हूं। मेरे पास हाई कोर्ट का भी लेटर है जिसके तहत इस डिग्री को मान्यता मिली हुई है। मेरे खिलाफ साजिश करने और मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश करने वाली दिल्ली मेडिकल काउंसिल को कोर्ट में घसीटूंगा। उन्हें मेरे मीडिया में आने से जलन हो रही है।’ युवराज के पिता योगराज सिंह ने भी इलाज में देरी के लिए जतिन को भी जिम्मेदार ठहराया है। इस पर जतिन ने कहा कि उन्होंने युवी को गलत सलाह नहीं दी थी। फीजियो ने यह भी साफ किया कि युवी के इलाज में देरी नहीं हुई।
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