गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गुरुवार का दिन बेहद अहम है। गुरुवार को गुलबर्ग सोसायटी मामले में कोर्ट कोई फैसला ले सकता है। गोधरा कांड के बाद हुई हिंसा में गुलबर्ग सोसायटी में रह रहे सांसद एहसान जाफरी समेत कुल 62 लोग मारे गए थे। जिसके बाद जाफरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था।
एसआईटी ने इस मामले की रिपोर्ट बुधवार को कोर्ट में सौंप दी। गुरुवार को इस रिपोर्ट पर कोई फैसला आने की उम्मीद की जा रही है। बुधवार को गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि मोदी सरकार इन दंगों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही।
कोर्ट ने कहा कि इस दंगे के पीड़ितों को मुआवजा न देकर भी सरकार ने गलत काम किया है। कोर्ट ने मोदी सरकार पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस हिंसा से धार्मिक संगठनों पर बुरा असर पड़ा। कोर्ट ने गुजरात सरकार को छह माह के अंदर मुआवजा दिए जाने का भी आदेश दिया है। ऐसे में गुरुवार को आने वाला फैसला अहम हो सकता है। यदि फैसला मोदी के हक में नहीं आता है तो ऐसे में कांग्रेस मोदी सरकार पर खुलकर हल्ला बोलने को तैयार बैठी है।
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