भ्रष्टाचार और वोट बैंक की राजनीति के मुद्दों पर कांग्रेस, बीएसपी और एसपी पर मिले होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलता तो वह विपक्ष में बैठेगी।
गडकरी ने कहा, ' कांग्रेस और एसपी दोनों ने अपने चुनावी घोषणापत्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों को आरक्षण का वादा किया है। हम उनसे जानना चाहेंगे कि जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता तो वे इस काम को कैसे करेंगे। '
गडकरी ने कहा कि पार्टियों को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चिह्नित आरक्षण को कम करने के बारे में सोच रहे हैं। वहीं दलितों की सबसे बड़ी हिमायती होने का दावा करने वाली बीएसपी इस मुद्दे पर चुप है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इन सभी दलों के हाथ आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा, ' धार्मिक आधार पर आरक्षण की बात करना जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आजाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे राजनेताओं के उस रुख से मतभेद प्रकट करना होगा, जो उन्होंने संविधान सभा में चर्चा के दौरान रखा था। '
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ये दल मुस्लिमों को आरक्षण की बात किसी यथार्थपूर्ण वजह से नहीं कर रहे बल्कि वे इस समुदाय को महज वोट बैंक मानते हैं। गडकरी ने कहा, ' इन दलों के बीच सहमति केवल वोट बैंक की राजनीति तक सीमित नहीं है। भ्रष्टाचार पर जब इन पर निशाना साधा जाता है तो एक दूसरे की मदद करने लगते हैं। '
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