सांसदों को ‘बलात्कारी, हत्यारा और लुटेरे’ कहने के लिये टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल विवादों के घेरे में आ गए हैं और राजनीतिक पार्टियों ने उनकी इस टिप्पणी के लिए उनकी तीखी आलोचना की है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा है कि वह संसद में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी. पार्टियों ने कहा कि अन्ना हजारे के निकट सहयोगी की ‘उत्तेजक’ टिप्पणी संसद का ‘अपमान’ है और यह दर्शाता है कि केजरीवाल का लोकतंत्र और संविधान में ‘विश्वास नहीं’ है.
केजरीवाल ने उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक चुनावी रैली में कहा, ‘इस संसद में 163 सदस्यों के खिलाफ घृणित अपराध के मामले हैं. इस संसद में बलात्कारी बैठे हैं, हत्यारे और लुटेरे बैठे हैं. आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि संसद में जनलोकपाल विधेयक पास होगा? आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि आपको गरीबी और भ्रष्टाचार से निजात मिलेगा.’ राजद के राष्ट्रीय महासचिव रामकृपाल यादव ने कहा कि केजरीवाल ने न केवल सांसदों का अपमान किया है बल्कि संसद और मतदाताओं का भी अपमान किया है. राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव हैं.
उन्होंने कहा, ‘अगले महीने शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान राजद विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाएगी.’ उन्होंने पटना में कहा, ‘केजरीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उन्हें मानसिक आरोग्यशाला में भेज दिया जाना चाहिए.’ उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि केजरीवाल को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया जाए. कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि टिप्पणी संसद और देश के लोगों का अपमान है जो सांसद और विधायकों को चुनते हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसी टिप्पणियों से लोकतंत्र कमजोर होगा. उन्होंने कहा कि मीडिया को उन्हें तवज्जो नहीं देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘संसद में उन लोगों की बहुलता है जो देश के लिए कुछ भी करना चाहते हैं. वे कड़ी मेहनत से वहां पहुंचते हैं. ऐसी टिप्पणियों से लोकतंत्र और संसद का न केवल अपमान होता है बल्कि देश के लोगों का भी अपमान होता है.’ भाजपा ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र, संविधान और संसद के खिलाफ केजरीवाल की टिप्पणी उनके ‘अहंकारी’ व्यवहार को दर्शाता है. भाजपा महासचिव मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘खुद को ईमानदार दर्शाने की कोशिश में कुछ लोग ऐसा माहौल बनाते हैं कि पूरी दुनिया बेईमान है. ऐसे बयान दर्शाते हैं कि इन लोगों का भारतीय लोकतंत्र, भारतीय संविधान और संसद में विश्वास नहीं है.’ नकवी ने स्वीकार किया कि संसद में कुछ लोग ‘रिकार्ड’ वाले हो सकते हैं लेकिन ‘उन लोगों के लिये आप संसदीय प्रणाली को खत्म नहीं कर सकते या हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म नहीं कर सकते.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है.’ लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने केजरीवाल की टिप्पणी की आलोचना की और कहा, ‘यह लोकतंत्र पर हमला है.. यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है.’
2 टिप्पणियां:
जो लोग मौजूदा संसदीय प्रणाली को लोकतंत्र कहते हैं उन्हे शर्म आनी चाहिए। मगर क्यों आए? उन के लिए तो यही लोकतंत्र है। लोक जाए भाड़ में।
द्विवेदी जी, आप पर भी विशेषाधिकार हनन का मामला बन सकता है... :)
एक टिप्पणी भेजें