ईरान ने साफ कहा है कि अगर उसके ऊपर हमला हुआ तो वह शांत नहीं बैठेगा. उसने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि हमला हुआ तो वह तबाही मचा देगा.
ईरान ने चेताया है कि जिस जगह से उसपर हमला हुआ वह उसी स्थान पर हमला करेगा.
ईरान ने कहा है कि उसपर जिस तरह से दबाव बनाया जा रहा है वह और बर्दाश्त लायक नहीं है. हालात को देखते हुए ईरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर के उप प्रमुख हुसैन सलामी ने कहा है कि ईरान पर हमला होगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे. जो भी देश हमला करेगा हम उस पर जवाबी कार्रवाई करेंगे. सलामी का यह बयान पड़ोसी मुल्कों के लिए धमकी है कि वे अपने इलाके का इस्तेमाल ईरान पर हमला करने के लिए नहीं करने दें अन्यथा नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें.
ईरान के विदेश मंत्री अली-अकबर सालेही ने भी दावा किया है कि ईरान किसी भी हालात के लिए पूरी तरह से तैयार है. सालेही ने कहा है कि तेहरान बुरी स्थिति को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियों की समीक्षा कर रहा है और उनका जवाब देने के लिए खुद को तैयार कर रहा है. इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए रेवाल्यूशनरी गार्डों ने सैन्य अभ्यास भी शुरू कर दिया है. वैसे बताया जा रहा है कि यह छोटे स्तर का सैन्य अभ्यास है. सैन्य अभ्यास दक्षिणी ईरान में शुरू किया गया है कि लेकिन यह किस स्थान पर हो रहा है कि यह नहीं बताया गया है.
ईरान ने आगाह किया है कि उसके खिलाफ मोर्चा खोलने के गंभीर नतीजे होंगे और हमले की सूरत में वह इजराइल और खाड़ी में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बना सकता है. ईरान ने चेतावनी दी है कि हमले की स्थिति में वह तेल के लिए अहम समुद्री मार्ग होरमुज जलसंधि को भी बंद कर देगा.
सारा मामला तेल की राजनीति को लेकर है. ईंधन की आबाध आपूर्ति के लिए अमेरिका इलाके पर अपना प्रभुत्व बनाए रखना चाहता है. अमेरिका पिछले कुछ वर्षों से ईरान पर परमाणु हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए उसे निशाना बनाता रहा है. इसके पहले अमेरिका ने इराक पर भी इसी तरह के आरोप लगाये थे. लेकिन इराक में सद्दाम हुसैन की हत्या के बाद भी परमाणु हथियार नहीं मिले थे. राजनीतिक टीकाकारों का भी माना है कि तेल से प्रचुर इलाके पर अपना अधिकार जमाने के लिए परमाणु हथियार के नाम पर अमेरिका कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है.
सैन्य कार्रवाई विश्व समुदाय के लिए खतरनाक
अमेरिका का कहना है कि वह इजराइल के साथ मिलकर कूटनीतिक हल निकालने में लगा हुआ है. अमेरिका ने कहा है कि ईरान को इसकी परमाणु महत्वाकांक्षा से रोकने के सारे प्रयास विफल होने पर ही हमले का विकल्प अपनाया जाएगा. अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि हम इजराइल के साथ मिलकर तय करना चाहते हैं कि इस मुद्दे का समाधान राजनयिक तरीकों से निकाला जा सके लेकिन अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए कुछ भी कर सकता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन फिलहाल मान रहा है कि ईरान ना तो अमेरिका पर हमला करना चाहता है और ना ही उसमें इतनी क्षमता है. उन्होंने कहा कि खाड़ी में किसी भी तरह की अतिरिक्त सैन्य गतिविधि अशांति वाली होगी और इसका बड़ा असर हम पर पड़ेगा. इससे तेल की कीमतों पर असर पड़ सकता है. बराक ओबामा ने कहा कि ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई विश्व समुदाय के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
सैन्य कार्रवाई विश्व समुदाय के लिए खतरनाक
अमेरिका का कहना है कि वह इजराइल के साथ मिलकर कूटनीतिक हल निकालने में लगा हुआ है. अमेरिका ने कहा है कि ईरान को इसकी परमाणु महत्वाकांक्षा से रोकने के सारे प्रयास विफल होने पर ही हमले का विकल्प अपनाया जाएगा. अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि हम इजराइल के साथ मिलकर तय करना चाहते हैं कि इस मुद्दे का समाधान राजनयिक तरीकों से निकाला जा सके लेकिन अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए कुछ भी कर सकता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन फिलहाल मान रहा है कि ईरान ना तो अमेरिका पर हमला करना चाहता है और ना ही उसमें इतनी क्षमता है. उन्होंने कहा कि खाड़ी में किसी भी तरह की अतिरिक्त सैन्य गतिविधि अशांति वाली होगी और इसका बड़ा असर हम पर पड़ेगा. इससे तेल की कीमतों पर असर पड़ सकता है. बराक ओबामा ने कहा कि ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई विश्व समुदाय के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
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