युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने सोमवार को कहा कि उनके बेटे के उपचार में थोड़ी देरी हुई और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दो साल पहले जांच करवाने की उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लिया था। योगराज ने उस समय को याद किया जबकि उनके बेटे की बीमारी के शुरुआती लक्षण को गंभीरता से नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि मैं किसी पर दोष नहीं मढ़ना चाहता, लेकिन मुझे लगता है कि आज चीजें कुछ अलग होती। आपको याद होगा कि दो साल पहले युवी जब मोहाली में टवेंटी20 मैच खेल रहा था तथा उन्होंने मैच विजेता पारी खेली। तब छक्का जड़ने के बाद वह सुरेश रैना की तरफ दौड़ा और बुरी तरह खांसने लगा। यह पूर्व टेस्ट क्रिकेटर उस घटना को याद करते हुए अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था। योगराज ने कहा कि तब उन्होंने युवराज को पूरी चिकित्सकीय जांच की सलाह दी लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि वह बच्चा नहीं है तथा वह पूरी तरह से ठीक है।
योगराज ने यहां अपने आवास पर कहा कि लेकिन मैं जानता था कि कुछ गड़बड़ है। छह महीने पहले जिस चिकित्सक ने युवराज की जांच की रिपोर्ट को देखा था उसने कहा कि उन्हें उपचार के लिए अमेरिका ले जाना चाहिए। चिकित्सक ने कहा कि था कि सर्वश्रेष्ठ इलाज अमेरिका में उपलब्ध है लेकिन मैं किसी को दोषी नहीं मानता।
युवराज को अपनी मां शबनम के बेहद करीब माना जाता है जो गुड़गांव में रहती हैं और अभी अपने बेटे के साथ अमेरिका में हैं। योगराज उनसे अलग चंडीगढ़ में रहते हैं। उन्हें हालांकि लगता है कि आखिर में सब कुछ अच्छा हुआ जो युवराज आस्ट्रेलिया में नहीं खेला अन्यथा मामला और बिगड़ सकता था। योगराज ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से बात की। उन्होंने कहा कि उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है और ईश्वर ने चाहा तो उन्हें जल्द ही मैदान पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवी शेरदिल इंसान है। वह शेर है। आप फिर से उसे गुर्राते हुए देखोगे। युवराज ने भारत की विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पिछले महीने से उपचार के लिए अमेरिका में है। पहले उनके परिवार ने कहा कि था उनके फेफड़ों में ट्यूमर है।
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