बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग ने अधूरा काम करने वाले ठेकेदारों और एजेंसियों को नये काम नहीं देने का निर्णय लिया है। विभाग ने ऐसे 22 एजेंसियों और ठेकेदारों की पहचान की है। राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह का मानना है कि आम तौर पर किसी योजना के 80 प्रतिशत काम करने के बाद एजेंसियों को नया काम मिल जाता है और फिर पुराने काम रुक जाते हैं। उन्होंने बताया कि पथ निर्माण विभाग में ऐसी सख्ती के बाद कार्य प्रणाली में सुधार आया है।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग 22 एजेंसियों को निर्माण में कोताही बरतने के आरोप में चेतावनी देते हुए काली सूची में डालने की तैयारी कर चुका है। मुख्यालय या क्षेत्र में तैनात अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि चेतावनी, राशि में कटौती समेत अन्य कार्रवाई करने के बाद भी जिन एजेंसियों ने काम पूरा नहीं किया है, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। अधिकारियों ने बताया कि इन 22 एजेंसियों में अधिकांश प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य में संलग्न हैं।
1 टिप्पणी:
इनकी लगाम कसा जाना अच्छी बात है
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