अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड ने कहा है कि सुधार के संकेतों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने जोखिम मौजूद है और वह अभी भी खतरे से बाहर नहीं निकली है। विश्व के सबसे अधिक औद्योगिक देशों के समूह 'जी-20' के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक समाप्त होने के बाद लगार्ड ने यूरो क्षेत्र की अस्थिर वित्तीय स्थिति, प्रमुख औद्योगिक देशों में बढ़ते सार्वजनिक ऋण और तेल की ऊंची कीमतों के कारण सतर्क रहने को कहा है।
आईएमएफ प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि प्रमुख औद्योगिक देशों में वृद्धि अभी भी कमजोर है और उभरते हुए कुछ बाजारों में यह मंद हो रही है। साथ ही कई देशों और खासतौर पर औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में बेरोजगारी दर अत्यधिक बनी हुई है। 'जी-20' की बैठक रविवार को खत्म हुई। बैठक में इस बात पर सहमति व्यक्त की गई कि यूरोजोन संकट से निपटने के लिए प्रतिरोधी उपाय करने के बाद आईएमएफ को संसाधन उपलब्ध कराए। आईएमएफ को यूरोजोन कर्ज संकट से निपटने के लिए 50 अरब डॉलर की आवश्यकता है।
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