बिहार में रेडियो के जरिये साक्षरता. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

बिहार में रेडियो के जरिये साक्षरता.


बिहार में महादलित समुदाय के लोगों को अब रेडियो कार्यक्रमों के जरिये मनोरंजक तरीके से साक्षरता, स्वच्छता सहित सरकारी विकास योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके जरिये लोगों को शराब और तम्बाकू की लत छोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव रवि परमार ने बताया कि सरकार ने जुलाई से यह विशेष रेडियो कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। इससे महादलितों को शिक्षित और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। यह कार्यक्रम 15 मिनट का होगा, जो ऑल इंडिया रेडियो के पटना केंद्र से संचालित होगा। यह एक तरह से कम्युनिटी रेडियो की तरह काम करेगा। इस कार्यक्रम के लिए विभाग ने एजेंसी तय कर ली है।

राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद वर्ष 2009 से महादलित परिवारों के बीच रडियो योजना के तहत रेडियो बांटे जा रहे हैं। इस समुदाय के बीच कुल 22 लाख रेडियो बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रेडियो योजना में तेजी लाने के लिए सरकार प्रखंड स्तर पर अब एक मेला लगाएगी, जहां महादलित सरकार की ओर से दिए जाने वाले कूपन से रेडियो खरीद सकेंगे। यदि कोई व्यक्ति 400 रुपये से ज्यादा के रेडियो लेना चाहता है तो वह अतिरिक्त रुपये अपने पास से खर्च कर ऐसा कर सकता है।

अधिकारियों के मुताबिक, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभी चार-पांच महीने का समय लगेगा। विभाग ने सभी जिले के कल्याण पदाधिकारियों को अनुसूचित जाति और जनजाति लोगों की सूची मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। बकौल परमार, महादलितों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जा रहे इस कार्यक्रम को आकर्षक और मनोरंजन बनाने के लिए विभाग के विशेषज्ञों, कलाकारों और लेखकों की भी मदद ली जा रही है।

सरकार का मानना है कि राज्य में विकास के बावजूद महादलित परिवार के लोग पिछड़े और समाज से कटे हुए हैं। उनमें समाज से अलग-थलग होने के एहसास को दूर करने के लिए पिछले वर्ष से राज्य के प्रत्येक महादलित मोहल्ले में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर अधिकारियों की उपस्थिति में महादलित परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के हाथों ध्वजारोहण कराया गया।

देश में बिहार पहला राज्य है, जहां सबसे पहले महादलित आयोग का गठन किया गया, जो महादलितों के उत्थान के लिए कार्यरत है। सामाजिक संस्था से जुड़े लोगों का हालांकि मानना है कि राज्य में महादलितों के उत्थान के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। स्वयंसेवी संस्था में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अनवर हुसैन के अनुसार महादलित परिवार के लोगों के लिए शिक्षा आज भी सपना है। पटना में महादलितों के मुहल्ले में जाकर इनकी स्थिति देखी जा सकती है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार की कुल 10 करोड़ 40 लाख की आबादी में 15 प्रतिशत महादलित हैं। दलितों की 22 में से 21 उप जातियों जैसे मुसहर, भूइयां, डोम, चमार आदि को महादलित का दर्जा दिया गया है।

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