चीन सैन्य कार्रवाई कर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख पर कब्जा करने का प्रयास कर सकता है। भारतीय विश्लेषकों की एक स्वतंत्र रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में भारत को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'कुछ वर्षो से चीन के साथ लगती भारत की सीमाओं पर कोई विशेष तैयारी नहीं की गई है। चीन बल प्रयोग द्वारा खास तौर पर अरुणाचल और लद्दाख पर अपना दावा और मजबूती से कर सकता है।' रिपोर्ट में भारत के लिए 21 वीं सदी में विदेश और सामरिक नीति बनाने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि चीन और भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] की स्थिति के बारे में अलग-अलग अवधारणाएं हैं और चीन इसके पास के क्षेत्रों पर कब्जा करने का प्रयास कर सकता है। रिपोर्ट में दावे के साथ कहा गया है कि भारत अरुणाचल और लद्दाख में सैन्य आक्रमण की आशंका को अस्वीकार नहीं कर सकता है।
'नान एलाइनमेंट 2.0: ए फॉरेन एंड स्ट्रेटजिक पॉलिसी फॉर द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी' नामक रिपोर्ट मंगलवार को दिल्ली के अशोक होटल में एक परिचर्चा के दौरान जारी की गई। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन और पूर्व सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने भाग लिया। रिपोर्ट में कहा गया है, 'चीन भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौती बना रहेगा। यह एक बड़ी शक्ति है, जो भारत के भू राजनीतिक क्षेत्र पर अतिक्रमण करती है। चीन की आर्थिक व सैन्य शक्ति बढ़ने पर भारत से इसके मतभेद बढ़ने के आसार हैं।' चीन अरुणाचल पर अपना दावा करता रहता है। हाल ही में रक्षा मंत्री ए के एंटनी अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। इस पर चीन ने एतराज जताया था। तब एंटनी ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और बतौर रक्षा मंत्री राज्य का दौरा करना उनका अधिकार और कर्तव्य दोनों है।
वाशिंगटन। चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य क्षमता पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि बीजिंग लगातार अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को थल, समुद्र और साइबर क्षेत्र में चुनौती दे रहा है। अमेरिकी पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल रॉबर्ट विलार्ड ने अमेरिकी संसद [कांग्रेस] में यह बात कही।
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