अफगानिस्तान में महिला टीवी एंकरों को एक फरमान जारी करके कहा गया है कि वे बिना हिजाब के टीवी पर नजर नहीं आये और न ही ज्यादा सज धज कर खुद को टीवी पर पेश करें।
सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के इस फरमान से नए तेवरों और अंदाज में ढल रही अफगानिस्तान की मीडिया पर पाबंदियों का खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सभी टीवी नेटवर्कों से पूरी गंभीरता से कहा जाता है कि वे बिना हिजाब के टीवी पर नजर आने वाली महिला एंकरों को रोकें और उनसे कम सज-संवर कर खुद को पेश करने को कहें। बयान में यह भी कहा गया अफगान टीवी चैनलों की सभी महिला एंकरों से यह भी कहा जाता है कि वे इस्लामी और अफगानी मूल्यों का सम्मान करें।
राष्ट्रपति हामिद करजई के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रालय ने उलेमा परिषद के दबाव में आकर यह फैसला किया है। गौरतलब है कि उलेमा परिषद अफगानिस्तान के इस्लामी विद्वानों की सबसे ऊंची धार्मिक संस्था है।
साल 1996-2001 के तालिबानी शासन के दौरान अफगान मीडिया कमोबेश परिदृश्य से गायब ही रहा। लेकिन अब उसे काफी आजादी हासिल है। साल 2001 के बाद से लेकर अब तक देश में दो दर्जन से अधिक टीवी चैनल शुरू किए जा चुके हैं।
1 टिप्पणी:
mamla to jas ka tas hi nazar aa rha hai....fir to talibani hi kya bure he
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