सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। पप्पू यादव बिहार में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक व ट्रेड यूनियन नेता, अजित सरकार की हत्या में संलिप्तता के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. सोढ़ी के इस तर्क के बाद सीबीआई को नोटिस जारी किया कि उनका मुवक्किल अभी भी जेल में पड़ा हुआ है, जबकि इस मामले के अन्य आरोपी जमानत पर रिहा हो गए हैं, जबकि ट्रिगर वास्तव में उन्होंने ही दबाया था। न्यायालय को बताया गया कि पप्पू यादव पहले ही जेल में 10 वर्ष बिता चुका है और बहुत बीमार है, लिहाजा नई दिल्ली में उसका इलाज कराए जाने की आवश्यकता है। सीबीआई को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें