नॉर्वे में अपने अभिभावकों से दूर रहने के लिए मजबूर किए गए दो बच्चों के दादा-दादी ने मंगलवार को विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात की. कृष्णा ने आश्वासन दिया कि दोनों भाई-बहन को किसी भी कीमत पर वापस लाया जाएगा.
बच्चों के दादा-दादी के साथ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात भी कृष्णा के कार्यालय पहुंची थीं. इससे एक दिन पहले ही उन्होंने इस मुद्दे पर चार दिवसीय धरने की शुरुआत की थी. बच्चों के दादा-दादी ने संवाददाताओं को बताया कि कृष्णा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सरकार किसी भी कीमत पर बच्चों को वापस भारत लाएगी.
दादा मोनतोष चक्रवर्ती ने बताया कि विशेष भारतीय दूत, सचिव (पश्चिम) एम गणपति को मामले को सुलझाने के लिए नॉर्वे भेजा गया है. वह बुधवार को भारत लौटेंगे. करात ने कहा कि गणपति की ओस्लो से वापसी के बाद ही पता चल सकेगा कि उनकी बैठक का क्या नतीजा रहा. उन्होंने कहा कि कृष्णा का कहना था कि दूत की नॉर्वे में बैठक सकारात्मक रही है.
ओस्लो में गणपति ने नॉर्वे के विदेश मंत्री जोनास गार स्टोर से मुलाकात की और उनसे तीन वर्षीय अभिज्ञान व एक वर्षीया ऐश्वर्या की जल्द वापसी के लिए कहा. ये दोनों नॉर्वे के सत्वानगर में रहने वाले एक एनआरआई दम्पत्ति अनुरूप व सागारिका भट्टाचार्य के बच्चे हैं. गौरतलब है कि पिछले मई में बार्नेवर्ने संस्था (नॉर्वीयन चाइल्ड वेल्फेयर सर्विसेज) ने दोनों बच्चों को अपनी सुरक्षित देखभाल में ले लिया था. संस्था का कहना था कि बच्चों के अभिभावक उन्हें सही देखभाल नहीं दे पा रहे हैं, इस आधार पर उन्हें अपनी देखरेख में लिया गया है.
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