भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और सहारा इंडिया के बीच मतभेद खत्म होने के बजाय बढ़ते दिख रहे हैं। सहारा ने बीसीसीआई की ओर से दिए गए समझौता फॉर्म्युला को मानने से इनकार कर दिया है। इससे पुणे वॉरियर्स का आईपीएल-5 में खेलने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बीसीसीआई वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद प्रतिक्रिया देते हुए सहारा कहा कि बीसीसीआई को अपने नियम बदलने का पूरा अधिकार है। सहारा ने संकेत दिया कि वह बीसीसीआई कई ओर से दिए गए समझौता फॉर्म्युला से खुश नहीं है।
वर्किंग कमिटी की 3 घंटे की बैठक के बाद बीसीसीआई ने कहा कि उसने सहारा की मांगों के बारे में अपना फैसला कंपनी को सुना दिया है और उसे सकारात्मक जवाब की उम्मीद है। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि वह लचीलापन दिखा सकती है लेकिन इस कंपनी के लिए नियमों से परे नहीं जा सकती। सहारा आईपीएल में सबसे महंगी टीम पुणे वॉरियर्स (1700 करोड़ रुपये) की मालिक है।
बोर्ड अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, 'कमिटी के सामने मसले रखे गए और हमने वर्किंग कमिटी के जवाब से सहारा को अवगत करा दिया। हमें उनसे सकारात्मक जवाब की उम्मीद है।' बीसीसीआई के इस कड़े रुख के बाद हफ्ते भर से चल रहा यह गतिरोध अभी सुलझने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
सहारा ने 4 फरवरी को बीसीसीआई से यह कहकर नाता तोड़ दिया था कि बोर्ड ने खिलाड़ियों और मैचों की संख्या के बारे में उसकी गंभीर शिकायतों पर गौर नहीं किया। बेंगलुरु में आईपीएल के पांचवें सेशन के लिए नीलामी से कुछ घंटे पहले यह फैसला लिया गया। श्रीनिवासन ने सहारा की मांगों का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि कोई छूट नहीं दी जायेगी।
श्रीनिवासन ने कहा, 'इस मसले पर चर्चा सहारा और बीसीसीआई के बीच ही होनी चाहिए। इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।' उन्होंने कहा, 'इनमें से एक मसला पिछले साल मैचों की संख्या, सहारा द्वारा दी गई बैंक गारंटी और कुछ खिलाड़ियों के उपलब्ध नहीं होने की दशा में उनकी टीम संयोजन को लेकर था।' उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई ने अपने नियमों के तहत सकारात्मक जवाब दिया है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि वह नियमों से परे जाकर काम नहीं कर सकता क्योंकि लीग की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए यह जरूरी है।'
गौरतलब है कि सहारा की नाराजगी का कारण उनकी ताजा मांग को बोर्ड द्वारा खारिज किया जाना था जिसमें कहा गया था कि उन्हें आईपीएल के दौरान 6 विदेशी खिलाड़ियों को उतारने की अनुमति मिले। श्रीनिवासन ने टीम इंडिया के स्पॉन्सर के तौर पर सहारा के भविष्य के बारे में पूछे गए सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'हालात जस के तस है। हमने सहारा द्वारा उठाये गए मसलों का जवाब दिया। हमें उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।'
अमेरिका में इलाज के कारण आईपीएल से बाहर सहारा के स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह के बारे में श्रीनिवासन ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि नियमों के तहत सहारा युवराज का विकल्प उतार सकता है लिहाजा वह कोई मसला नहीं है।' उन्होंने कहा कि सहारा यदि पुणे वॉरियर्स में अपना कुछ हिस्सा किसी साझेदार को बेचना चाहे तो बीसीसीआई को कोई आपत्ति नहीं है।
श्रीनिवासन ने कहा, 'बीसीसीआई को सहारा की रणनीतिक साझेदारी पर कोई ऐतराज नहीं होगा।' सहारा ने एक जुलाई 2010 को बीसीसीआई के साथ 31 दिसंबर 2013 तक के लिए नए प्रायोजन करार पर हस्ताक्षर किए थे। सहारा प्रति टेस्ट, वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए 3 . 34 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा था। करार करीब 532 करोड़ रुपये का था। सहारा ने पिछले साल आईपीएल की पुणे वॉरियर्स टीम 1702 करोड़ रुपये में खरीदी थी यदि मामले का कोई हल नहीं निकलता है तो बोर्ड को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। बोर्ड हालांकि इस घाटे को पूरा करने के लिए दूसरा स्पॉन्सर तलाश सकता है। श्रीनिवासन ने कहा कि प्रायोजक तलाशना बोर्ड के लिये मुश्किल काम नहीं है।
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