बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने नीतीश सरकार पर कृषि रोडमैप के नाम पर किसानों की आंखों में धूल झोंकने का सोमवार को आरोप लगाया। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि 2008 से 2012 तक किसानों को प्रथम कृषि रोडमैप के नाम पर धोखा देने के बाद राजग सरकार एक बार फिर सूबे के किसानों की आंखों में धूल झोंकना चाहती है और दूसरे कृषि रोडमैप के नाम पर नये नये शब्द बनाये जा रहे है।
रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि किसान पंचायत, किसान समागम, कृषि कैबिनेट, रोडमैप जैसे शब्द बनाकर सरकार केवल बातें बना रही है। 2008 से 2011 तक किसानों को कोई लाभ नहीं मिला। राजद सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि विधानमंडल के आगामी बजट सत्र के दौरान जब कृषि रोडमैप (2012-17) पर चर्चा होगी तो पार्टी के विधायक और विधानपार्षद सरकार की पोल खोलेंगे।
पूर्वे ने कहा कि पहले रोडमैप के तहत चार साल की अवधि में नीतीश सरकार ने 3757 करोड़ रुपये की योजना बनाई और इस अवधि में आवंटन केवल 2095.15 करोड़ रुपये का ही किया। सरकार ने चार साल की अवधि में 1683.68 करोड़ रुपये ही खर्च किये। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिला। दूसरे कृषि रोडमैप के नाम पर फिर किसानों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है।
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