कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार में पत्नी प्रियंका वाड्रा के सहयोग के लिए पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा ने सोमवार को कहा कि यदि जनता ने चाहा तो प्रियंका और वह भी राजनीति में कदम रखेंगे।
गौरीगंज में वाड्रा ने कहा, "यदि लोगों की इच्छा होगी तो मैं, प्रियंका सहित जरूर राजनीति में आऊंगा और चुनाव लड़ूंगा। मैं रायबरेली और अमेठी में अपनी पत्नी के साथ राहुल गांधी का संदेश फैला रहा हूं। गांव-गांव पहुंच कर लोगों को जागरूक कर रहा हूं कि कांग्रेस ही उत्तर प्रदेश का विकास कर सकती है।"
प्रियंका के राजनीति में आने के सवाल के जवाब में वाड्रा ने कहा, "हर चीज का एक वक्त होता है। सबकुछ समय पर ही होगा। अभी राहुल गांधी का वक्त है। आगे प्रियंका का भी वक्त होगा।" राहुल गांधी के प्रधानंमत्री बनने के सवाल पर वाड्रा ने कहा कि इसका जवाब खुद राहुल देंगे।
गौरतलब है कि यूपी की जातिवादी राजनीति को बदलकर विकासवादी बनाने का बीड़ा उठाने वाले अपने सांसद भाई राहुल गांधी से अमेठी और रायबरेली की 10 सीटों पर जीत दिलाने का वादा निभाने के मिशन पर निकलीं कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी की साख इस बार दांव पर है।
अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्रों को आजादी के बाद से ही नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत की थाती माना जाता है और इन दोनों क्षेत्रों में आने वाली 10 विधानसभा सीटों के परिणाम राहुल के 'मिशन-2012' की सफलता के लिहाज से न सिर्फ महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनके नतीजे कांग्रेस महासचिव के सियासी कद को भी तय करेंगे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रियंका की भी साख दांव पर है। कांग्रेस आलाकमान को अमेठी और रायबरेली में आने वाले 10 विधानसभा क्षेत्रों में व्याप्त विषम राजनीतिक परिस्थितियों का बखूबी एहसास है। यही वजह है कि वह प्रियंका को अमेठी और रायबरेली पर ही ध्यान केन्द्रित करने को कह रहा है।
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