देश की राजधानी दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी मॉक ड्रिल के दौरान लक्ष्मी नगर के स्कोप मीनार की पांचवीं मंजिल पर आग लग गई। हालांकि, आग को तुरंत बुझा दिया गया। इस मंजिल पर कोल इंडिया का दफ्तर है। दिल्ली के फायर अफसर एके शर्मा ने कहा है कि मॉक ड्रिल की वजह से आग नहीं लगी है बल्कि आग किसी और कारण से लगी है। शर्मा के मुताबिक आग लगने का मॉक ड्रिल से कोई लेनादेना नहीं है।
इससे पहले मॉक ड्रिल के चलते दिल्ली एक तरह से कुछ देर के लिए थम गई। दिल्ली में आधिकारिक तौर पर करीब 400 स्थानों पर मॉक ड्रिल की जा रही है, जिसमें करीब ५० हजार लोग शामिल हो रहे हैं । जिन जगहों पर मॉक ड्रिल हो रही उनमें आनंद विहार रेलवे स्टेशन, लक्ष्मी नगर (वी3एस मॉल), पीवीआर साकेत, जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर, उपराज्यपाल का दफ्तर, एयरपोर्ट टर्मिनल 2, एम्स मेट्रो, अंबेडकर कॉलेज, नॉर्दर्न इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। मॉक ड्रिल के चलते दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है।
सुबह 11.30 बजे माना गया कि रिक्टर स्केल 7.8 की तेजी वाले भूकंप ने दिल्ली को 48 सेकेंड तक दहलाया है। इसी काल्पनिक आधार पर ड्रिल की जा रही है। सात मेट्रो स्टेशनों पर मॉक ड्रिल के बाद मेट्रो की सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई हैं। इनमें खान मार्केट और कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। 11.30 बजे शुरू हुई मॉक ड्रिल दोपहर 2 बजे तक चलेगी।
मॉक ड्रिल में यह सिखाया जा रहा है कि दिल्ली में 7 की तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के दौरान खुद को और दूसरों को कैसे बचाया जाए। मॉक ड्रिल में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मॉल, मेट्रो नेटवर्क और सड़क परिवहन को शामिल किया गया है। इस दौरान आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की जांच की जा रही है। राजस्व विभाग और डीडीएमए का कहना है कि सब कुछ उसी तरह से किया जा रहा है जैसे वास्तविक आपदा आने के बाद उससे निबटने के लिए किया जाता है। अस्पतालों में भी ऐसे ही हालात पैदा किए गए हैं जैसे कि बड़ी तादाद में लोग हादसे के शिकार हुए हैं। इसके तहत कई मेट्रो स्टेशनों को आधे घंटे तक के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं मध्य, दक्षिण एवं उत्तर दिल्ली में सड़क यातायात मोड़ दिया गया है।
यह समूचे देश में अपनी तरह का पहला अभ्यास बताया जा रहा है। इस दौरान रिक्टर पैमाने पर 7 तीव्रता वाले भूकंप के चलते फ्लाइओवर के ढहने, मेट्रो के खंभों में दरार, अस्पताल को क्षति जैसी अनेक हालात काल्पनिक तौर पर पैदा किए गए हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से दो महीने का भूकंप से बचने की तैयारी का अभ्यास शुरू किया है और यह उसका एक हिस्सा है।
इस मेगा ड्रिल में राजधानी की सभी इमरजेंसी सेवाओं के सभी कर्मचारियों के अलावा सिविल डिफेंस के लोग भी शामिल हो रहे हैं। दिल्ली भूकंप के खतरे के लिहाज से सिस्मिक जोन-4 में आता है और खासकर पूर्वी दिल्ली में भूकंप का खतरा अधिक है।
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