उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को लुभाने के मकसद से दिए बयान से विवादों में आए केंद्रीय कानून मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, सलमान खुर्शीद पर विपक्षी दलों ने हमले तेज करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है वहीं कांग्रेस ने उन्हें कानून का पालन करने का पाठ पढ़ाया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने वाराणसी में संवाददाताओं से कहा, "हमारी मांग है कि सलमान खुर्शीद तत्काल इस्तीफा दें। अगर वह इस्तीफा देने में आनाकानी करते हैं तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से सिफारिश कर उन्हें बर्खास्त करवाएं।"
स्वराज ने कहा, "अल्पसंख्यक आरक्षण को लेकर चुनाव आयोग की चेतावनी के बावजूद कानून मंत्री बार-बार अल्पसंख्यक आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।" जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने उत्तर प्रदेश में खुर्शीद के प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, "खुर्शीद का बयान राजनीतिक फायदे से प्रेरित है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उत्तर प्रदेश में खुर्शीद के प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाएं।" मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के महासचिव प्रकाश करात ने खुर्शीद के बयान की आलोचना करते हुए इलाहाबाद में कहा, "चुनाव आयोग की तरफ से पहले भी खुर्शीद को चेतावनी मिली थी। इसके बाद भी वह नहीं माने। यह गलत है।"
ज्ञात हो कि खुर्शीद उस समय एक बार फिर विवादों में आ गए, जब उन्होंने शुक्रवार शाम यह बयान दिया कि वह पिछड़े मुस्लिमों का अधिकार सुनिश्चित कराएंगे, चाहे चुनाव आयोग उन्हें फांसी पर ही क्यों न चढ़ा दे। दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने खुर्शीद का बचाव करते हुए कहा, "मुझ्झे नहीं लगता कि उन्होंने कुछ गलत कहा है।" कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने जायसवाल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा, "चुनावी वादे करना और घोषणा पत्र जारी करना हमारा हक है। अगर चुनावी वादे करना गलत है तो फिर घोषणापत्र पर भी रोक लगनी चाहिए।"
उधर खुर्शीद ने मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। लखनऊ हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने रविवार को जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। बहरहाल, खुर्शीद को उनकी ही पार्टी ने कानून का पाठ जरूर पढ़ाया है। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि मंत्री को कानून का पालन करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस हमेशा चाहती है कि सभी कांग्रेसी जन सार्वजनिक जीवन के नियमों और देश के कानून के अनुसार बोलें।" इस मुद्दे पर कोई सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य में जो कुछ हो रहा है, उस पर निर्वाचन आयोग को चिंता होनी ही चाहिए। सिब्बल ने कहा, "कुछ लोगों ने एक बयान दिया तो उसके पीछे कोई विचार तो होगा ही। निर्वाचन आयोग का अपना दृष्टिकोण है और वह अपने हिसाब से कार्रवाई कर रहा है। मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता।"
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