भारत चीन के बीच हुई वार्ता के बाद अच्छे संकेत मिले हैं फिर भी कई मुद्दे और विवाद भारत और चीन के बीच संबंधों में बाधा बने हुए हैं। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के लिए चीन ने भारतीय प्रजातांत्रिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। बुधवार को चीन के अधिकारिक अखबार ने कहा कि शक और अविश्वसा के कारण दोनों देश एक सार्थक समझौता करने से काफी दूर हैं। ये ही दोनों देशों के संबंधों को भी बेहतर होने से रोक रहा है।
लेख में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच विवादों का पहला बड़ा कारण सीमा विवाद पर बातचीत है। अब तक भारत और चीन के बीच 15 बार इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बातचीत हो चुकी है। लेख में कहा गया है कि हालांकि दोनों देशों की बैठकों में कई सार्थक पहलें हुईं लेकिन फिर भी अभी बातचीत एक निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और उचित समझौते से दूर हैं।
विवाद के न निपटने के लिए भारत ज्यादा जिम्मेदार है क्योंकि भारतीय मीडिया अभी भी इस बात पर जोर देता है कि भारत और चीन के बीच सीमा मैकमोहन लाइन के आधार पर होनी चाहिए। लेख में यह भी कहा गया कि भारत को लगता है कि विवादित सीमा सिर्फ पूर्वोत्तर के 90 हजार स्कावयर किलोमीटर में ही नहीं है बल्कि पश्चिम में भी 30 हजार स्कवायर किलोमीटर में भी है। लेख में कहा गया कि भारत में अभी भी इस तर्क के समर्थक हैं। सीमा विवाद सुलझने में देरी का एक बड़ा कारण भारत की बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था और समाज भी है क्योंकि दोनों ही बहुत जटिल हैं।
भारतीय बहुदलीय राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा गया कि हर राजनीतिक दल की चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर अपनी अलग समझ है जिस कारण भारत के लिए इस मुद्दे पर समझौता करना मुश्किल है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें