पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध बिहार के बोधगया में इन दिनों जापान से आए कलाकारों के दल ने अनोखे ढंग से पतंगबाजी की. इस दल ने खास तौर से भारतीय बच्चों के लिए पतंगें बनाई हैं और उन पर बच्चों के सपने लिखे हैं. बौद्ध संप्रदाय के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक बोधगया में जापान से आए कलाकार एक साथ 100 पतंगें उड़ा रहे हैं जो एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. इन पतंगों पर बच्चों के सपने लिखे हैं, जैसे 'मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा' , 'इंजीनियर बनूंगा', 'क्रिकेटर बनूंगा'.
बच्चों ने अपने मन में जो सपने संजोए हैं उन्हें इन पतंगों पर लिखा जा रहा है. यह पतंगबाजी न केवल बच्चों के लिए बल्कि अभिभावकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई है.
जापान के कलाकार भारतीय बच्चों के साथ खास पतंगबाजी कर रहे हैं और खेल-खेल में बच्चों की मनोभावनाओं को पतंगों पर उकेर रहे हैं. जापानी दल का नेतृत्व कर रहे कजूनोरी हमांउ ने बताया कि वे अक्सर बोधगया आते हैं और भारतीय बच्चे उन्हें बहुत प्यारे लगते हैं. वह बच्चों से कहते हैं कि सपने जरूर देखने चाहिए, तभी आप उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और सफलता पाएंगे. वह कहते हैं कि इस तरह की पतंगबाजी न केवल बच्चों का मनोरंजन कर रही है, बल्कि बच्चों के बीच एकजुटता का संदेश भी दे रही है.
बच्चों को खेल-खेल में ही यह बताया जा रहा है कि अकेली पतंग कभी-कभी टूट जाती है लेकिन एक-दूसरे से जुड़ी रहने पर गिरती नहीं हैं. उसी तरह हम लोगों का सपने भी टूट जाते हैं लेकिन एक-दूसरे के सहयोग से उन्हें साकार किया जा सकता है. हमांउ ने कहा, "इस पतंगबाजी से हम भारत और जापान के बीच मैत्री सम्बंध को और गहरा करना चाहते हैं."
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