कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक जाति और धर्म की राजनीति करती रही हैं। पिछले 22 साल से उत्तर प्रदेश में केवल दस फीसदी लोगों की सरकार बनती रही है। इलाहाबाद के सोरांव कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "पिछले 22 साल से सपा, बसपा और भाजपा विकास के बजाय केवल जाति और धर्म की राजनीति करती आ रही हैं। ये पार्टियां सत्ता में आने पर केवल अपने वोट बैंक तक ही सीमित रहती हैं।"
उन्होंने कहा कि पिछले लगभग दो दशक में केवल दस फीसदी लोगों की सरकार बनती रही है। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह केवल दस फीसदी लोगों की सरकार न होकर हर गरीब, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक की सरकार होगी। कांग्रेस की सरकार महज कुछ खास तबकों का ही ख्याल न रखकर हर वर्ग और समुदाय को साथ लेकर चलेगी और प्रदेश के हर नागरिक को प्रगति में शामिल करेगी। गैर कांग्रेसी सरकारों, खासकर मायावती सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए राहुल ने कहा, "बसपा के शासन में किसानों की जमीन छीनकर बड़े-बड़े बिल्डरों को दे दी गईं। किसानों ने आवाज उठाई तो नक्सली बताकर उन पर गोलियां चलाई गईं।"
ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल का हवाला देते हुए राहुल ने कहा, "जब वहां किसानों और महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ तो मुलायम सिंह जी और सपा के लोग कहां थे? भाजपा के लोग कहां थे उस समय? मैं वहां गया और किसानों की तकलीफ सुनी।" तीनों दलों पर हमला जारी रखते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, "इसी तरह बुंदेलखण्ड में सूखा पड़ा तो मुख्यमंत्री मायावती गरीब किसानों का दर्द सुनने नहीं गईं और न ही सपा और बसपा के लोग वहां नजर आए। हम वहां गए। किसानों की तकलीफ सुनने के बाद प्रधानमंत्री से हजारों करोड़ रुपये का पैकेज दिलाया, जिसको बसपा सरकार के मंत्रियों, नेताओं और ठेकेदारों ने लूट लिया।" राहुल ने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश को बदलने आया हूं। जब तक उत्तर प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाएगा, मैं यहां से वापस जाने वाला नहीं हूं।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें