केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भी संपत्ति जब्त करने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कानून एवं न्याय मंत्रालय के साथ सलाह मशविरा के बाद तैयार नए प्रावधानों के अनुसार संबंधित विभाग में अधिकार प्राप्त प्राधिकार इस संबंध में केंद्र को अधिकार दे सकता है ताकि भ्रष्ट तरीके से अर्जित धन या संपत्ति को जब्त किया जा सके.
नए दिशा-निर्देश काफी अहम माने जा रहे हैं क्योंकि अधिकतर विभागों और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों ने भी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में कठिनाई व्यक्त की है जो आरोपपत्र लंबित होने के दौरान सेवानिवृत्त हो गए हैं.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभागों ने भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने के क्रम में हमसे स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के मामले में और अधिक कठिनाई होती है.इस वजह से इस मुद्दे को हल किए जाने का फैसला किया गया. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारी ने कहा कि सीबीआई सहित सभी सरकारी विभागों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश की धारा तीन के तहत सरकार को भ्रष्ट तरीके से अर्जित सरकारी अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है। लेकिन इस धारा में किसी भ्रष्ट कर्मचारी के अवकाशग्रहण करने या आरोपपत्र लंबित होने की स्थिति में संपत्ति जब्त किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण नहीं है.
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