भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कई उपभोक्ताओं को कुछ मिस्ड कॉल पर कॉल बैक करना महंगा पड़ रहा है। विदेशी कोड के साथ आ रहे कुछ मिस्ड कॉल पर कॉल बैक करने पर उपभोक्ताओं द्वारा रिचार्ज किया हुआ पैसा नदारद हो जाता है।
रिचार्ज करवाने के बाद चंद मिनटों तक बात करने के बाद सारा बैलेंस गायब होने से उपभोक्ता सकते में हैं। बीएसएनएल के शिकायत संबंधी नंबर पर ढंग से मदद नहीं हो पा रही है। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें +263 व प्लस +960 कोड से मिस्ड कॉल आए, जिसके बाद कॉल बैक करने पर कुछ बटने दबाने को कहा जाता है या सीधे इनसफिशिएंट बैलेंस बताया जाता है।
कुछ व्यक्ति ने तो रिचार्ज करने के बाद जब इन कोड के साथ आए मिस्ड कॉल पर संपर्क किया तो उन्हें यही सुनने मिला। इस हाईटैक चोरी से अब लोग त्रस्त हो रहे हैं। कई लोगों ने तो दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी अथवा सर्विस प्रोवाइडर बदलने का ही फैसला कर लिया है। बीएसएनएल के उप महाप्रबंधक आलोक भारती से सोमवार की दोपहर दूरभाष पर जब इस समस्या के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
विभाग के ही एक अन्य अधिकारी ने नाम प्रकाशित न किए जाने की शर्त पर बताया कि कॉलिंग लेवल एलिटिकेशन इएलआई का प्रयोग कर ऐसा काम किया जा रहा है। इससे रिचार्ज किया हुआ पैसा खत्म होने की सूचनाएं मिल रहीं हैं। जब इनसे पूछा गया कि कंपनी उपभोक्ताओं की शिकायत पर क्या कर रही है तो उन्होंने शिकायत के लिए कंपनी का टोल फ्री नंबर बता दिया। साथ ही उपभोक्ताओं को ऐसी समस्या के लिए पुलिस में शिकायत करने की सलाह भी दे दी।
जानकारों के मुताबिक मल्टीमीडिया हैंडसेट में डाटा हैकिंग का खतरा भी हो सकता है। इसीलिए अनजान नंबरों को तरजीह न दी जाए तो बेहतर है। कुछ का मानना तो ये है कि ये मेल आईडी हैक करने से भी ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि मोबाइल में कई व्यक्ति अपने अकाउंट नंबर, पासवर्ड व अन्य निजी जानकारियां सुरक्षित रखते हैं। इस समस्या के अलावा कई अन्य सर्विस प्रोवाइडर अवांछित रूप से गाने व अन्य प्लान एक्टीवेट कर रिचार्ज का पैसा कम कर देते हैं, यह प्रक्रिया महीने दर महीने जारी रहती है। कई अल्पशिक्षित इस चक्कर में सर्विस प्रोवाइडर व नंबर बदलते रहने पर मजबूर रहते हैं।
बीएसएनएल द्वारा हाल ही में जारी की गई एक स्कीम में निर्धारित शुल्क का रिचार्ज लेने पर ज्यादा बैलेंस दिया जा रहा था। इसमें एक मुश्त राशि को ही जानकार हाईटेक चोरी की वजह बता रहे हैं। गूगल पर इस नंबर के सर्च करने पर आपको ढेरों शिकायतों का अंबार दिखाई देगा। लोग अपनी-अपनी शिकायतें शेयर कर रहे हैं, लेकिन इस नंबर की असलियत से अभी तक सरकारी एजेंसियां अनजान हैं। यहां तक सर्विस पो्रवाइडर कंपनियां भी इस बारे में खामोश हैं। इस नंबर से आने वाली कॉल की असलियत भले कुछ भी हो, लेकिन लोगों की जेब पर चूना जरूर लग रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि किसी ने यहां के लोकल नंबर से इंटरनेशनल नंबर पर कॉल कनेक्ट की सुविधा ले रखी है। कॉल लोकल नंबर से ही की जाती है, लेकिन आगे इंटरनेशनल नंबर से कनेक्ट होने के चलते आईडी विदेशी नंबर की आती है। पलट कर कॉल करने से इंटरनेशनल नंबर से होते हुए कॉल लोकल नंबर पर पहुंचती है।
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