सीबीआई कोर्ट में बुधवार को राजद सुप्रीमो सह पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट से अभियोजन पक्ष के दो गवाहों की जिरह करने एवं सीबीआइ द्वारा बनाये गये सभी गवाहों की गवाही कराने का आग्रह किया। कोर्ट ने कहा कोई भी याचिका पर सुनवाई सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज होने के बाद सुनी जाएगी। अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2006 में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों की जिरह नहीं हो पायी थी और गवाही क्लोज कर दी गयी। दोनों गवाहों से जिरह करने की याद 6 साल बाद आयी।
लालू ठीक-ठाक रहे तो मामले में लालू का बयान 14 फरवरी को कलमबद्ध होगा। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के आरसी 20ए/96 मामले में आपूर्तिकर्ता विजय कुमार मल्लिक का बयान कलमबद्ध किया गया। मामले में अब तक मल्लिक के अलावा गया प्रसाद त्रिपाठी, सुशील कुमार एवं अजीत कुमार वर्मा का बयान दर्ज किया गया है। बुधवार को सजल चक्रवर्ती का भी बयान दर्ज नहीं हो पाया। उनकी तबीयत खराब होने के कारण कोर्ट नहीं पहुंच पाए। उनके अधिवक्ता ने ही बयान दर्ज कराने के लिए 8 फरवरी का समय लिया था। जबकि कोर्ट ने पूर्व में 14 फरवरी निर्धारित की थी।
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