देश में नक्सलियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल कर अब छोटे शहरों और गांव की पंचायतों पर कब्जा कर राजनीतिक वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है. नक्सलियों ने राजनीतिक हिस्सेदारी के बढ़ाने के क्रम में अपने लोगों को सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड सदस्य को निर्विरोध जिता कर जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने का खेल शुरू कर दिया है. खुफिया विभाग की इस संवेदनशील सूचना से केन्द्रीय गृह मंत्रालय में हलचल मची हुई है. खुफिया रिपोर्ट कहा गया था कि पंचायत चुनाव के बाद नक्सली सुरक्षाकर्मियों को टारगेट करेंगे.
उड़ीसा में बीएसएफ के जवानों की दो दिन पहले हुई हत्या, इसी का परिणाम था. यह रणनीति नक्सली अन्य राज्यों में भी अपनाने वाले हैं. सूत्रों के अनुसार, खुफिया विभाग ने जो सूचना केन्द्र सरकार को दी है वह बेहद संवेदनशील है. अगर समय रहते केन्द्र और राज्य सरकारें सचेत नहीं हुई तो आने वाले समय में नक्सली देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए आतंकवाद से भी बड़ा खतरा बन सकते हैं.
किशनजी की मौत के बाद नक्सलियों ने अपने तौर-तरीके बदलकर स्थानीय प्रशासन में अपनी पैठ मजबूत करनी शुरू कर दी है. नक्सलियों की रणनीति यह है कि अगर स्थानीय प्रशासन में उनकी जड़ मजबूत हो गई तो कैडर मजबूत करने और ठेके एवं लेवी से तो आर्थिक स्थिति मजबूत होगी ही, साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा धड़ पकड़ की स्थिति में स्थानीय प्रशासन उनकी ढाल के रूप में काम आएगा. सूत्रों के अनुसार, खुफिया विभाग ने केन्द्र सरकार को गत माह सावधान किया था कि नक्सली अब वार्ड सदस्य, सरपंच और पंचायत के चुनाव में अपने समर्थित उम्मीदवार को खड़ा कर जिताने की योजना बना रहे हैं.
गृह मंत्रालय ने इस बाबत राज्यों को विशेषकर महाराष्ट्र और उड़ीसा सरकार को कई बार एडवाइजरी भेजकर सचेत किया था. नक्सलियों ने गांव व पंचायत के लोगों को बिना उनसे पूछे वोट डालने को मना किया. साथ ही इस बात का भी ऐलान किया था कि बिना उनसे पूछे कोई भी व्यक्ति अपना किसी पद पर नामांकन नहीं करेगा.
नक्सलियों ने बीएसएफ को सहयोग न करने को भी कहा था. इस माह हुए पंचायत समिति, सरपंच और वार्ड सदस्य के चुनाव उड़ीसा के मलकानगिरि, कोरापुट, नुआपाड़ा, कंधमाल, बोलांगिर, रेयागाड़ा, गाजापट्टी और कालाहांडी और महाराष्ट्र के विदर्भ जिले के 27 जिला परिषद सदस्य चुनाव हुए. उड़ीसा में वार्ड सदस्य के लिए 5461 सदस्य खड़े हुए जिसमें 2572 सदस्य निर्विरोध चुने गए. सरपंच पद के लिए 447 उम्मीदवार खड़े थे जिसमें 33 निर्विरोध चुने गए और पंचायत समिति सदस्य के लिए 447 उम्मीदवार खड़े हुए जिसमें 46 निर्विरोध चुने गए. देश
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