अरुणाचल प्रदेश के अपने दौरे को लेकर चीन के ऐतराज पर केन्द्रीय रक्षामंत्री एके एंटनी ने 'हैरानी' व्यक्त करते हुए उसे दुर्भाग्यपूर्ण और 'वाकई आपत्तिजनक' बताया है। इस बीच विदेशमंत्री एसएम कृष्णा ने भी कहा कि भारत ने इस मामले को 'गंभीरता' से लिया है, तथा साफ किया कि भारत के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने का बीजिंग (चीन) को 'कोई अधिकार नहीं' है।
चीन के साथ लगती पूर्वोत्तर की सीमा पर पिछले हफ्ते एके एंटनी की यात्रा का समर्थन करते हुए विदेशमंत्री ने कहा, 'भारतीय क्षेत्रों के मामले में चीन के बाहरी हस्तक्षेप को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।' श्री कृष्णा ने चीन को यह भी याद दिलाया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का 'अभिन्न हिस्सा' है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, 'भारत के पूर्वोत्तर इलाके के सभी सात राज्य भारत के अभिन्न अंग हैं और अरुणाचल प्रदेश के एंटनी के दौरे पर चीन को प्रतिकूल टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।' उल्लेखनीय है कि एंटनी की अरुणाचल प्रदेश की 20 फरवरी की यात्रा पर आपत्ति जताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने शनिवार को भारत से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति तथा स्थिरता के लिए चीन के साथ मिलकर काम करने को कहा था। नई दिल्ली ने रविवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर भारत की स्थिति पहले से स्पष्ट है और इसे कई बार दोहराया जा चुका है।
दरअसल अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में आयोजित राज्य के रजत जयंती समारोह में एंटनी ने शिरकत की थी, और कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'हम सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों की चुनौतियों के प्रति सावधान हैं और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि सीमा क्षेत्रों का विकास भी उसी तरह हो, जैसे कि देश के अन्य क्षेत्रों का होता है।'
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