शेहला हत्या मामले में तीन लाख की सुपारी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

शेहला हत्या मामले में तीन लाख की सुपारी.


भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या के मामले में कानपुर से एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार आरोपी इरफान ने पूछताछ में माना है कि इस हत्याकांड में तीन लोग शामिल थे और खुद उसे शेहला को मारने के लिए तीन लाख रुपये की सुपारी मिली थी। 
    
इरफान ने बताया कि शेहला को मारने की सुपारी उसे शानू के जरिये मिली थी। मामले में कथित तौर पर शामिल तीन लोगों में से मुख्य अभियुक्त शानू ओलंगा कानपुर का एक कुख्यात शूटर था जिसकी नवंबर 2011 में हत्या कर दी गई।
    
पुलिस बुधवार को इरफान को अदालत में पेश कर रही है। उसे हिरासत में लेने के लिये भोपाल से सीबीआई का एक दल शहर आ रहा है। इरफान को कल रात बेकनगंज से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से एक देशी पिस्तौल तथा कारतूस मिले हैं।
    
इरफान पर हत्या के प्रयास से लेकर विभिन्न आरोपों में आधा दर्जन से अधिक मामले शहर के बेकनगंज पुलिस थाने में दर्ज हैं। अनवरगंज इलाके के सर्किल ऑफिसर के क्षेत्र में बेकनगंज आता है। यहां के पुलिस उपाधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार, इरफान ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ इस हत्याकांड में शहर के ही दो व्यक्ति शानू ओलंगा और सलीम शामिल थे। 
   
सौरभ ने आज यहां बताया कि इरफान के मुताबिक, इस हत्याकांड की सुपारी शानू ओलंगा को भोपाल में किसी ने दी थी तथा इरफान और सलीम शानू के कहने पर 10 अगस्त को भोपाल गए। इस काम के लिये उसे तीन लाख रुपये दिये जाने की बात कही थी लेकिन उसे केवल दो लाख रुपये ही दिये गये और कहा गया कि बाकी रकम बाद में मिलेगी। 
    
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शानू ओलंगा, इरफान और सलीम 10 अगस्त 2011 को भोपाल गए और 16 अगस्त को इन लोगों ने शेहला मसूद की कथित तौर पर हत्या कर दी तथा कानपुर लौट आए। इरफान ने पुलिस को यह भी बताया कि जिस महिला (शेहला मसूद) को मारा गया था उसके बारे में उसे शानू ने बताया गया था कि वह एक अच्छी महिला नहीं थी तथा वह सही काम नहीं करती थी। इरफान के अनुसार, उसने हत्या की सुपारी लेने के बाद अपने पांव पीछे खींच लिए थे लेकिन फिर शानू ओलंगा के समझाने के बाद वह मान गया था। इरफान का यह भी कहना है कि शेहला को गोली उसने नहीं बल्कि शानू ओलंगा ने मारी थी और वह तो केवल उन लोगों के साथ था। 
    
नवंबर के अंतिम सप्ताह में कानपुर के कुख्यात बदमाश शानू ओलंगा की कचहरी के सामने मोटरसाईकिल सवार दो युवकों ने दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसकी हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार दो शातिर बदमाशों के नाम रईस बनारसी और गुडडू थे और पुलिस का दावा था कि रईस बनारसी ने शानू ओलंगा से पुरानी रंजिश के चलते उसकी हत्या की। पुलिस के अनुसार, इरफान और ओलंगा के तीसरे साथी सलीम के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में विस्तत पूछताछ लखनउ से आए उप्र एसटीएफ और सीबीआई के दल करेंगे। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भोपाल से सीबीआई का दल कानपुर नहीं पहुंचा था।
    
पुलिस उपाधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि इरफान बेकनगंज इलाके का एक शातिर मुजरिम है और उसके खिलाफ विभिन्न गंभीर आरोपों में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले अकेले बेकनगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं। वह इलाके में चरस बेचता था। वह मारे गए कुख्यत अपराधी शानू ओलंगा का खास दोस्त था और उसके साथ काम करता था। उन्होंने बताया कि इरफान को कल देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे तलाक महल हीरामनपुरवा इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि कानपुर पुलिस आज इरफान को जिला अदालत में पेश करेगी जहां से उसे भोपाल से आ रहा सीबीआई का दल हिरासत में लेने का अनुरोध करेगा।

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