सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह के उम्र मामले में सरकार ने अपने 30 दिसबंर 2011 के फैसले को वापस ले लिया है। 30 दिसबंर को सरकार ने जनरल वी के सिंह की अर्जी ठुकरा दी थी। कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने स्वीकार किया कि पूरी प्रक्रिया में खामी है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने ये भी माना कि अटॉर्नी जनरल ने इस पर जो फैसला दिया था उसे ही माना गया था लेकिन फिलहाल सरकार सेनाध्यक्ष के 1950 की जन्मतिथि के अपने फैसले पर कायम है। गौरतलब है कि 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उम्र प्रक्रिया में खामी है।
आज सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही आर्मी चीफ उम्र विवाद की सुनवाई शुरु हुई तो अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 30 दिसंबर के आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है। जिसके बाद साफ हो गया कि सरकार आर्मी चीफ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में पीछे हट गई। वहीं, कोर्ट ने जनरल वी के सिंह से सवाल पूछा कि आपने अपनी जन्मतिथि यूपीएससी में क्यों नहीं ठीक कराई। फिलहाल मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और जनरल वी.के. सिंह से कुछ सवाल पूछे थे। इस पर आज कोर्ट में जवाब दिया गया। जनरल सिंह के मुताबिक उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 है, जबकि सरकार का मानना है कि उनके जन्म का साल 1950 है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब दोनों ही आदेश अटॉर्नी जनरल की ही राय पर दिए गए हैं तो जनरल सिंह के साथ न्याय कहां हुआ? आदेश के सही या गलत होने पर फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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