अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पास 12000 करोड़ रुपये से अधिक की दौलत है, जो दुनिया की कई कंपनियों की कुल संपत्ति से कहीं ज्यादा है। दाऊद ने यह संपत्ति दुनिया के अलग-अलग देशों में गैर कानूनी कारोबारी गतिविधियों से जमा की है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अलग-अलग तरीके से कमाई गई दाऊद की संपत्ति 12 हजार करोड रुपये के आंकड़े को पार कर गई है और 'डी कंपनी' ने कुछ देशों में ऐसे अपराधी गिरोहों से मजबूत संपर्क बना लिए हैं, जो हथियारों और माद्रक द्रव्यों की तस्करी में शामिल हैं।
दाऊद न सिर्फ पाकिस्तान में मौज से रह रहा है बल्कि वहां से अपना कारोबार भी संचालित कर रहा है। भारत का यह मोस्ट वॉन्टेड अपराधी अपना गैर कानूनी कारोबार अन्य देशों में भी फैला रहा है और नए-नए क्षेत्रों में कारोबार की संभावनाएं तलाश रहा है।' भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस बात के ताजा सबूत मिले हैं कि डी कंपनी कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और अजरबैजान में तेल और माइनिंग सेक्टर में भारी निवेश की योजना बना रही है। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने बताया कि दाऊद के बारे में यह सूचना हासिल करने में चार महीने से ज्यादा समय लगे हैं। यह सूचना सितंबर से दिसंबर 2011 के बीच हासिल की गई है।
खबरों के मुताबिक अलग-अलग एजेंसियों की जांच से खुलासा हुआ है कि डी कंपनी तेल और माइनिंग कारोबार में करोड़ों डॉलर निवेश की इच्छुक है। डी कंपनी पाकिस्तान के लाहौर, पेशावर और कराची शहरों से अपनी गतिविधियों का संचालन करती है। एजेंसियों ने दावा किया है कि दाऊद ने टैक्स की पनाहगाह समझे जाने वाले कई देशों में भारी रकम जमा की है। इन देशों में बहामास, बरमूडा, लक्जेमबर्ग, हॉन्गकॉन्ग, साइप्रस शामिल हैं।
दाऊद के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है और अल कायदा के साथ संबंध रखने के कारण अमेरिका ने उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है। दाऊद पर आरोप है कि 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोटों के पीछे उसका दिमाग था और उसने ही इस वारदात के लिए धन मुहैया कराया था। बताया जाता है कि दाऊद और उसकी डी कंपनी अवैध खनन, जाली नोट की सप्लाई, सट्टेबाजी, हथियारों की तस्करी, रीयल स्टेट और छोटे शहरों में कपडों के कारोबार में सक्रिय है।
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