2जी लाइसेंस संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से आहत नॉर्वे की दूसरसंचार कंपनी यूनिनॉर ने भारत छोड़ने का विकल्प खुला रखने की बात दोहराते हुए कहा कि वह यहा कारोबार जारी रखना चाहती है और 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में निश्चित रूप से शामिल होना चाहेगी।
टेलीनॉर का सुझाव है कि नीलामी नई कंपनियों के बीच हो और उसमें पुरानों को शामिल न होने दिया जाए। भारत में टेलीनॉर के प्रतिनिधि और 22 सर्किलों में मोबाइल सेवाएं प्रदान कर रही भारतीय दूरसंचार सेवा कंपनी यूनिनॉर के प्रबंध निदेशक सिग्वे ब्रिके ने आज यहा संवाददाताओं से कहा कि हम भारत सरकार के आमंत्रण पर यहा आए थे ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बढे़। हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं। स्पेक्ट्रम की नीलामी हो, पर वह नीलामी प्रतिस्पर्धा के लिए हो और पुराने खिलाड़ियों को स्पेक्ट्रम हड़पने का अवसर न दिया जाए।
टेलीनॉर भारतीय कंपनी यूनिटेक में 67 प्रतिशत की भागीदार है और देश भर में इसके ग्राहकों की संख्या करीब चार करोड़ पहुंच गई है। ब्रिके ने कहा कि सिद्धात रूप से हम नीलामी में भाग लेंगे, पर यह इस बात पर निर्भर करेगा कि नीलामी कैसे की जाती है और बोली के लिए आधार मूल्य आदि क्या तय होता है। साथ-साथ उन्होंने यह भी याद दिलाया कि मौजूदा परिस्थिति के संदर्भ में उनकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी जॉन फ्रेडरिक बक्सास कह चुके हैं कि कंपनी भारत से निकलने का विकल्प खुला रखे हुए है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दो फरवरी को अपने ऐतिहासिक निर्णय में जनवरी 2008 में आवंटित 122 दूरसंचार लाइसेंस रद्द कर स्पेक्ट्रम जैसे सीमित प्राकृतिक संसाधन का आवंटन नीलामी के जरिए करने का आदेश दिया है। इस निर्णय के तहत यूनिनॉर के लाइसेंस भी आते हैं। कंपनी दिल्ली को छोड़कर सभी 22 सर्किलों में काम करती है।
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