दिमागी बुखार (इंसेफलाइटिस) सहित मलेरिया और डेंगू के प्रकोप के कारण चौतरफा आलोचनाओं का सामने करने वाली बिहार सरकार ने केंद्र के सहयोग से मुजफ्फरपुर और गया में अनुसंधान केंद्र शुरू करने का निर्णय किया है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सहयोग से गया और मुजफ्फरपुर में मेडिकल कॉलेजों में एक अनुसंधान केंद्र शुरू करने का आग्रह किया है। इस संबंध में आइसीएमआर के महानिदेशक वीएम कटोच से काम में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है। सिन्हा ने कहा कि बीते वर्ष दिमागी बुखार के कारण मुजफ्फरपुर और गया के आसपास के जिलों में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई थी।
प्रस्तावित अनुसंधान केंद्र दिमागी बुखार, कालाजार, चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया आदि महामारियों पर रिसर्च करेगा। इससे स्वास्थ्य विभाग को समय रहते त्वरित कार्रवाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी), पुणे से आयी रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि मुजफ्फरपुर और आसपास के किसी भी मामले में जापानी मस्तिष्क ज्वर (जेई) के कारण किसी की जान नहीं गयी। गया में जेई के कुछ लक्षण थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें