रक्षा मंत्री ए के एंटनी के दफ्तर में जासूसी की खबर है। एंटनी के चैंबर में जासूसी उपकरण मिलने की जानकारी है। भारी सुरक्षा के बीच इस तरह की घटना के सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां खासी परेशान हैं। रक्षा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जासूसी उपकरण होने का संदेह 16 फरवरी को सामने आया जब सैन्य गुप्तचर शाखा का दो सदस्यीय दल साउथ ब्लॉक में एंटनी के कक्ष नंबर 104 में जासूसी उपकरण पकड़ने वाले एक उपकरण से कमरे की जांच कर रहा था। हाथ में लेकर घुमाए जाने वाले इस उपकरण की बीप-बीप बोलने से रक्षा मंत्रालय में सनसनी फैल गई और आनन फानन में गृह मंत्रालय को सूचित कर गुप्तचर ब्यूरो के जांच दल को उसी शाम तलब कर लिया गया था। आज रक्षा मंत्रालय ने खुफिया ब्यूरो को इसकी जांच का जिम्मा सौंप दिया है।
एंटनी के कक्ष में जासूसी उपकरण का यह अलार्म ऐसे समय बजा है जब अरबो डॉलर के रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने का दौर चल रहा है। यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बाद तीसरे नंबर पर हैं। वह कांग्रेस की कोर कमेटी में भी हैं। वहीं, जासूसी उपकरण पकड़ने का अलार्म बजने के बारे में ये भी कहा जा रहा है कि ये दो टेलीफोनों की तार में शार्ट सर्किट होने से बज गया होगा लेकिन गुप्तचर ब्यूरो और रक्षा मंत्रालय किसी प्रकार की ढिलाई बरतने के हक में नहीं है और वे मामले की तह तक जाना चाहते हैं। सबसे जिंताजनक बात यह है कि भारतीय सेनाएं इस वक्त आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही हैं। हथियारों के स्तर पर बड़ी डील भी की गई है। संभवतः जासूसी किए जाने का प्रयास इसी से जुड़ा हो सकता है।
लेफ्टिनेंट जनरल पी. एन हून ने कहा, बगिंग दो तरह की होती है। पहले तरीके में किसी चीज को वस्तुओं के साथ चिपकाया जाता है और दूसर किसी फाउंटेन पेन, घड़ी आदि में ऑडियो रिकॉर्डिंग। इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में भी जासूसी की खबर आई थी। खुद मुखर्जी ने ही इस मामले को जासूसी से जोड़े जाने से नकार दिया था। मुखर्जी ने कहा था कि यह फर्जी है। आप अपना समय मत बर्बाद कीजिए। गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) द्वारा मुखर्जी के कार्यालय में मिले चिपकने वाले पदार्थो को च्यूइंग गम बताए जाने को हास्यास्पद बताते हुए भाजपा ने इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी।
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