अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की चेतावनी के बावजूद शुक्रवार को सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। आईओए ने कहा कि उसके अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने खेल प्रशासन से दूर रहने का फैसला किया है।
आईओए ने कलमाड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में आईओसी के पत्रों पर चर्चा करने के लिये आज अपने कार्यकारी बोर्ड की बैठक बुलायी थी लेकिन उसने कोई कड़ा फैसला करने से बचना ही उचित समझा। कलमाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में नौ महीने जेल में बिताये। उन्हें पिछले महीने जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने आईओसी के तीन पत्रों का जवाब दे चुके हैं और अब उनके आगे के जवाब के इंतजार कर रहे हैं। मल्होत्रा ने कहा कि कार्यकारी समिति ने कलमाड़ी के कार्यवाहक अध्यक्ष को लिखे गये उन दोनों पत्रों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया जिसमें उन्होंने कहा हे कि वह आईओए अध्यक्ष पद के अपने अधिकारों का उपयोग नहीं करेंगे क्योंकि वह लंबे समय तक आईओए प्रमुख पद बने रहने की स्थिति में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कार्यकारी समिति प्रस्ताव पारित किया है कि आईओए कार्यकारी अध्यक्ष आईओए प्रमुख बने रहेंगे और संविधान के तहत सभी अधिकार उनके पास मौजूद रहेंगे। आईओसी ने हमें जितने भी पत्र लिखे हमने उनका जवाब दे दिया है। हमें आईओसी के जवाब का इंतजार करेंगे। केवल आधे घंटे चली बैठक के बारे में मल्होत्रा ने विस्तार से नहीं बताया और उन्होंने अन्य विषयों पर बात करने के लिये कहा। यह पूछने पर कि कलमाड़ी ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया, मल्होत्रा ने कहा कि उन्हीं से पूछिये। उन्होंने कहा है कि वह आईओए अध्यक्ष के रूप में अपने अधिकारों और दायित्वों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
मल्होत्रा ने यह भी बताया कि कार्यकारी समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसके तहत नैतिकता आयोग के नये संशोधित नियमों को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी समिति ने जनवरी में आईओसी नैतिकता आयोग द्वारा जारी नये नियमों को भी मंजूरी दे दी। हमने सभी सदस्यों और नैतिकता आयोग के सदस्यों को आईओसी के नियम भेज दिये हैं। उनसे दस दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी को मिलाकर आईओसी को मंजूरी के लिये भेजा जायेगा। एक अन्य शीर्ष अधिकारी ने हालांकि दावा किया कि आईओए की सालाना आम बैठक को नये नियमों को मंजूरी देनी होगी। नैतिकता आयोग फिलहाल काम शुरू नहीं कर सकता। नये नियम को पहले एजीएम से मंजूरी मिलनी जरूरी है। इसके बाद ही नैतिकता आयोग काम कर सकता है। आईओए महासचिव रणधीर सिंह ने हालांकि कहा कि मौजूदा नैतिकता आयोग काम करता रहेगा।
1 टिप्पणी:
कहां की नैतिकता.
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