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रविवार, 4 मार्च 2012

एक साल बीत गया, नहीं मिला ईनाम .


बिहार के एक बच्चे को बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया. पर एक साल बीतने को आ रहे हैं इनामी राशि देने का वादा पूरा होता नहीं दिख रहा है. बच्चों की बहादुरी के किस्से अक्सर सुनने में आते हैं. इतना ही नहीं बहादुर बच्चों को सरकार की तरफ से सम्मानित किए जाने की भी परंपरा है. 

बिहार में ऐसे ही एक बहादुर बच्चे को सम्मानित किया गया  था. इनाम में इस बच्चे को 25 हज़ार रुपए की धनराशि देने की भी घोषणा की गई थी. लेकिन सरकारी कामकाज का रवैया ऐसा कि यह इनाम की धनराशि एक साल बाद अब तक इस बच्चे को नहीं मिली है.

वैशाली के इस बहादुर बच्चे का नाम दीपक है. बच्चे ने पिछले साल 26 अप्रैल, 2011 को लालगंज में पंचायत चुनाव से ठीक पहले केन बम की ख़बर दी थी. बच्चे की दी सूचना के आधार पर पुलिस ने उस जगह से दो केन बम बरामद किए थे. अगर इस बच्चे ने वक्त पर बम की सूचना पुलिस को नहीं दी होती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था और जान-माल का नुकसान हो सकता था.

दीपक के इस साहसिक काम की हर तरफ तारीफ हुई और अख़बारों में उसकी ख़बर भी छपी. पुलिस ने भी बच्चे की सराहना की और उसे 25 हज़ार रुपए का इनाम देने की घोषणा की. इस पूरी घटना को एक साल बीतने को आ रहा है पर सरकारी अमले का कामकाज ऐसा है कि बच्चा अभी तक इनामी धनराशि से वंचित है. जो पुलिस दीपक की तारीफ करती थी और उसे इनाम दिया था उसने कभी इस बात की फिक्र नहीं की कि बच्चे को इनामी राशि प्राप्त हुई या नहीं. इनाम की घोषणा के बाद से ही दीपक ने मन बना लिया था कि इन रुपयों से वह पढ़ाई-लिखाई करेगा और आगे बढ़ेगा. पर आज वह दुखी है और उसके सपने पूरे होते नहीं दिख रहे हैं. दीपक का मामला जानने के बाद किसके मन में इस तरह के साहसिक कार्य करने का उत्साह होगा. 

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