पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी आकाश मिसाइल शनिवार को वायुसेना में शामिल हो जाएगी। रक्षा मंत्री एके एंटनी हैदराबाद में आयोजित समारोह में इन मिसाइलों की पहली खेप वायुसेना को सौंपेंगे। सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को वायुसेना में शामिल करने की गुरुवार को घोषणा की गई। रक्षा मंत्री उन्नत हल्के तारपीडो टीएएल को भारतीय नौसेना के हवाले करेंगे।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित आकाश अमेरिकी पैट्रियॉट मिसाइलों से कई मायनों में बेहतर है। इसकी लागत भी पैट्रियॉट मिसाइलों की तुलना में दस गुना तक कम है। इसे शुरुआत में पूर्वोत्तर में तैनात किए जाने की संभावना है।
आकाश की खासियत है, इसे स्थिर या चलते हुए वाहन से दागा जा सकता है। आवाज से ढाई गुना तेज रफ्तार। हर मौसम में इसे संचालित किया जा सकता है। कई लक्ष्यों पर एक साथ निशाना साध सकता है। दुश्मन के मानव रहित विमानों, लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हैलीकॉप्टर से दागी जाने वाली मिसाइलों को हवा में मार गिराने में यह सक्षम है।
2 टिप्पणियां:
बहुत बेहतरीन....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत बढ़िया सामयिक प्रस्तुति..
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